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आईएमए में उठे विरोध के स्‍वर : डॉ जॉन ऑस्टिन को अध्‍यक्ष पद से हटाने की मांग

-गुजरात के आईएमए सदस्‍य ने कहा, धर्मांतरण के आरोपों के साथ पद पर बैठने का अधिकार नहीं

-परोक्ष रूप से आईएमए बनाम बाबा रामदेव मुद्दे पर भी मत, दोनों पैथी पर है गर्व

डॉ जॉन ऑस्टिन जयालाल

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन बनाम बाबा रामदेव के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच आईएमए के अध्‍यक्ष डॉ जॉन ऑस्टिन जयालाल पर ईसाई मिश‍नरियों के लिए कार्य करने के आरोपों को लेकर आईएमए के अंदर से ही डॉ जॉन को अध्‍यक्ष पद से हटाने की मांग उठी है। गुजरात स्थित दीसा, बनासकांठा के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्‍य डॉ जितेन्‍द्र नागर ने आईएमए की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी को इस सम्‍बन्‍ध में एक पत्र लिखा है।

ज्ञात हो डॉ जॉन पर कोविड महामारी का इस्‍तेमाल ईसाई मिशनरियों के लिए धर्मांतरण करने के कार्य में करने का आरोप लगा है। यह आरोप लगाते हुए लीगल राइट्स प्रोटेक्शन फोरम (LPRF) ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी है कि उनके द्वारा गृह मंत्रालय में एक शिकायत दर्ज कर इंडियन मेडिकल असोसिएशन के FCRA लाइसेंस को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट, 2010 की धारा 12(4)(f)(vi) के उल्लंघन के लिए रद करने की मांग की गयी है।

इसी मुद्दे पर गुजरात स्थित दीसा, बनासकांठा के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्‍य डॉ जितेन्‍द्र नागर ने लिखा है कि आईएमए के अध्‍यक्ष डॉ जॉन ऑस्टिन जयालाल पर ईसाई मिशनरियों का प्रचार एजेंडा चलाने के आरोप लगे हैं, ऐसे में आईएमए के सर्वोच्‍च पद पर ऐसे व्‍यक्ति को कैसे बैठे रहने दिया जा सकता है जो धर्मांतरण का अपना एजेंडा चला रहा हो। उन पर लगे आरोप आईएमए की धर्मनिरपेक्ष और संप्रभुता की छवि को नष्‍ट करने वाले हैं।

डॉ जितेन्‍द्र नागर

उन्‍होंने लिखा है कि मेरा आईएमए की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी से अनुरोध है कि इस सम्‍बन्‍ध में एक कमेटी गठित करके डॉ जॉन ऑस्टिन जयालाल पर लगे इन आरोपों की जांच करायी जाये और जब तक वे आरोपों से बरी न हो जायें तब तक डॉ ऑस्टिन को अध्‍यक्ष पद से हटाया जाये।

डॉ नागर ने इसके साथ ही मौजूदा आईएमए बनाम बाबा रामदेव के बीच चल रही लड़ाई पर भी अपने विचार स्‍पष्‍ट करते हुए लिखा है कि मैं यह स्‍पष्‍ट करना चाहता हूं कि साक्ष्‍य आधारित अपनी ऐलोपैथी पर मुझे गर्व है साथ ही आयुर्वेद की महान पैतृक वैदिक विरासत का भी मैं उतना ही आदर करता हूं।