केजीएमयू के डॉक्टर व कर्मचारी आये लपेटे में
डेंगू मरीजों की सूचना न देने वालों पर होगी कार्रवाई
लखनऊ। केजीएमयू के उन डॉक्टर व कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जायेगी,जिन्होंने अस्पताल में डेंगू, स्वाइन फ्लू, चिकनगुनिया व मलेरिया आदि मच्छर जनित संक्रामक रोगियों का इलाज किया, मगर मरीजोंं की सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को नहीं दी। गुरुवार को सीएमओ ने केजीएमयू के एसोसिएट, गांधी स्मारक एवं संबद्ध चिकित्सालय के सीएमएस को दो मरीजों के इलाज का हवाला देते हुए पत्र लिखा है कि निर्देश के बावजूद सूचना नहीं दी गई जो कि शासकीय अवमानना है, इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करें।
डेंगू व स्वाइन फ्लू से बचाव में लखनऊ सीएमओ ने एक और कदम बढ़ाया है उन्होंने डेंगू व स्वाइन फ्लू आदि बीमारियों के मरीजों का इलाज करने वाले और सूचना न प्रेषित करने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उक्त की शुरूआत उन्होंने केजीएमयू से की है। इसके लिए उन्होंने वर्ष नवम्बर 2016 के शासनादेश का हवाला देते हुए, खुद द्वारा प्रेषित 12 जनवरी 2017 के पत्र का संज्ञान में लिया और ट्रॉमा सेंटर में डेंगू पीडि़त दो मरीजों का हवाला देते हुए कहा कि फिरोजाबाद निवासी संतोष ङ्क्षसह ने डेंगू पीडि़त अपनी 3 वर्षीय पुत्री को 3 जुलाई को भर्ती कराया था। जिसकी मृत्यु 7 जुलाई को ट्रॉमा सेंटर में ही हो गई। इसके अलावा राजाजीपुरम निवासी तरुण चक्रवर्ती ने 36 वर्षीय पत्नी सारिका चक्रवर्ती को 5 जुलाई को केजीएमयू में भर्ती कराया था, अगले ही दिन 6 जुलाई को सारिका की मृत्यु हो गई। दोनों ही डेंगू मरीजों की सूचना सीएमओ कार्यालय को नहीं दी गई है। जबकि शासनादेश में स्पष्ट निर्देश हैं, कि उक्त बीमारियों के मरीजों की सूचना जनपद के सीएमओ को प्रेषित करना अनिवार्य है। इसलिए लिए उक्त लापरवाही युक्त प्रकरण की जांच कराकर, सूचना न प्रेषित करने वाले जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई करें और सीएमओ कार्यालय को अवगत कराया जाये।