-विश्व के एक चौथाई टीबी मरीज भारत में, इनमें 20 प्रतिशत यूपी में
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत ‘टीबी हारेगा देश जीतेगा’ एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान 26 दिसम्बर से शुरू हुआ जो 26 जनवरी तक चलेगा। एक महीने तक तीन चरणों में चलाए जाने वाले इस अभियान में कोरोना, टीबी स्क्रीनिंग, एचआईवी एवं डायबिटीज की जांच सुनिश्चित करते हुए इलाज शुरू कराया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय भटनागर ने बताया कि क्षय रोग एक गंभीर बीमारी है जो लम्बे समय से जन सामान्य की स्वास्थ्य समस्या बनी हुयी है। यह बीमारी 21वीं सदी के लिए एक गंभीर चुनौती है, अभी भी पूरे विश्व में लगभग 14 लाख लोगों की मृत्यु हर साल टीबी से होती है। विश्व के टीबी मरीजों की जनसंख्या का एक चौथाई हिस्सा भारत में पाया जाता है तथा भारत के टीबी मरीजों की संख्या का पांचवां भाग उत्तर प्रदेश राज्य में है। इस गंभीर चुनौती को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने टीबी बीमारी को वर्ष 2025 तक समाप्त करने के लिए कार्यरूप को प्रमुखता प्रदान की है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ ए.के. चौधरी ने बताया कि अभियान को तीन चरणों में बांटा गया है। प्रथम चरण में 26 दिसम्बर से 1 जनवरी तक जनपद के अनाथालय, वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, बाल संरक्षण गृह, आईटीएम स्थित अस्थाई जेल, नवोदय विद्यालय, कारागार में क्षय रोगियों के साथ-साथ कोविड के मरीजों की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। 2 जनवरी 12 जनवरी तक जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की मलिन एवं हाई रिस्क जनसंख्या में क्षय रोगियों की जांच की जाएगी। टीमों को डिस्ट्रिक्ट लेवल के समन्वयक सीएमओ, एसीएमओ, डीटीओ, एमओआइसी सुपरवाइज करेंगे। 13 जनवरी से 25 जनवरी तक जनपद के समस्त पंजीकृत निजी चिकित्सकों मेडिकल स्टोर से संपर्क स्थापित कर उन्हें क्षय रोगियों के नोटिफिकेशन करने के निर्देश दिए जाएंगे।
डीटीओ ने बताया कि इस अभियान में 430 टीमें, 86 सुपरवाइजर लगाये गये हैं। एक माह के अभियान में जनपद की 11 लाख आबादी की स्क्रीनिंग की जाएंगी। अभियान का मुख्य लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक क्षय रोग की उपलब्ध सुविधाओं को आम जनमानस तक पहुंचाना है। यदि किसी व्यक्ति को दो हफ्तों से ज्यादा की खांसी, खांसते समय खून का आना, सीने में दर्द, बुखार, वजन का कम होने की शिकायत हो तो वह तत्काल अपने बलगम की जांच कराए। जनपद में क्षय रोगियों की जांच एवं उपचार पूर्णतया नि:शुल्क उपलब्ध है।
घर-घर जाकर किया जाएगा सर्वे
इस अभियान के तहत घर-घर जाकर लोगों को बताया जाएगा कि यदि 2 हफ्ते से अधिक खांसी है, तो जरूर जांच करवाएं। साथ ही टीबी के लक्षण के बारे में भी अवगत कराया जाएगा। मरीज मिलने के बाद डॉट्स प्लस सेंटर से भी उन्हें जोड़ा जाएगा।
मरीजों को मिलेंगे 500 रुपए
मरीज मिलने के बाद उन्हें 500 रुपए प्रति माह सरकारी सहायता भी प्रदान की जाएगी। यह 500 रुपए पोषण युक्त भोजन के लिए दिये जाएंगे।