शांतिप्रिय जिंदगी जीते हुए माता-पिता के लिए बहुत कुछ करने की तमन्ना है आकांक्षा की
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। केजीएमयू में लड़कियों में प्रथम और ओवरऑल दूसरे स्थान पर आयीं आकांक्षा अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। वह कहती हैं कि आज जो मैं हूं अपने माता-पिता की एक-एक दिन की लगायी हुई मेहनत के कारण हूं। मैं यह बात भूलना नहीं चाहती हूं। मुझे अपने माता-पिता के लिए बहुत कुछ करना है। मुझे अपने माता-पिता के साथ रहते हुए शांतिप्रिय जिंदगी चाहिये, मुझे सर्जरी या मेडिसिन ब्रांच नहीं जाना है, ऑप्थलमोलॉजी, पैथोलॉजी जैसी कई ब्रांच हैं जो महत्वपूर्ण हैं, इनमें ही काम करने की इच्छा है। उन्होंने कहा कि चाहे जिस ब्रांच में भी जाऊं वहां मैं अपना बेस्ट देना चाहती हूं। मैंने अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है कि किस ब्रांच में जाना है।
आकांक्षा कहती हैं कि केजीएमयू वाकई दूसरे कॉलेजों से अलग है यहां सबसे अलग बात जो मुझे दिखी वह यह है यहां पढ़ाने वाले टीचर न सिर्फ क्लास में अच्छे से पढ़ाते हैं, बल्कि उनकी कोशिश आपको ज्यादा से ज्यादा सिखाने की होती है, वे अपनी पूरी नॉलेज आपको देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि मुझे अगर आगे-आगे मौका मिला तो मुझे अपने इस कॉलेज के लिए भी कुछ करूंगी।