Saturday , November 23 2024

पांच एमएल जमा पानी भी पैदा कर सकता है डेंगू का मच्छर

मच्छर रोकथाम में लापरवाही पर जुर्माना का अधिकार मिला सीएमओ को

नोटिस के बाद 24 घंटे में विभाग या अधिकारी ने कार्यवाई नही की तो लग सकता जुर्माना

मच्छर पैदावार की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कसी

मंत्रियों तक के घरों में भी मच्छरजनित स्थिति जांचने का अधिकार सीएमओ को

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ङ्क्षसह ने कहा कि है कि पांच मिलीलीटर पानी में भी डेंगू के मच्छर का लार्वा मच्छर बन सकता है इसलिए आवश्यक है कि किसी भी तरह से पानी को जमा न होने दें। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रियों का घर हो या अधिकारियों का अथवा कहीं भी जगह पर मच्छरजनित स्थितियां जांचने का अधिकार मुख्य चिकित्सा अधिकारी को है, यही नहीं नोटिस देने के 24 घंटे के बाद भी यदि स्थितियों को सुधारा न जाये तो 5000 रुपये तक का अर्थदंड भी लगाने का अधिकार सीएमओ को दिया गया है। इसके लिए जनपद में सर्वाधिकार देकर सीएमओ को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

खुले में रखे हुए छोटे डिब्बे भी पलटकर रखें, ताकि बरसाती पानी न जमा हो

यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने बताया कि एडीज एजीप्ट मच्छर से होने वाला डेंगू का मच्छर के लार्वा कई दिनों तक भरे हुए पांच एमएल पानी में भी पैदा हो जाते हैं, इसलिए कहीं भी पानी नहीं जमा होने देना चाहिये। छत पर या खुले में पड़े हुए छोटे डिब्बे-डिब्बी भी पलटकर रखें जिससे उनमें बरसात का पानी न जमा हो सके। उन्होंने कहा कि डेंगू से बचाव हेतु सबसे महत्वपूर्ण कार्य जल का एकत्रीकरण रोकना है। डेंगू के मच्छर साफ पानी में ही अंडे देते हे। अंडे लार्वा, प्यूपा आदि में बदलकर दो सप्ताह में पूर्ण मच्छर बन जाते हैं। यदि पानी का एकत्रीकरण 7 दिन से पूर्व ही नष्ट कर दिया जाए तो डेंगू के मच्छर को पनपने का अवसर ही नहीं मिलेगा।

हर रविवार मच्छर पर वार

इस अवसर पर उन्होंने जागरूक करने वाले एक पोस्टर का भी अनावरण किया। इस पोस्टर में हर रविवार मच्छर पर वार का संदेश दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सप्ताह का रविवार दिवस ‘एन्टी मास्कीटो ड्राई डे‘ के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया है। ‘हर रविवार मच्छर पर वार‘ के नाम से जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। प्रत्येक रविवार को समस्त जनसमुदाय को अपने-अपने घर एवं आस-पास अनावश्यक एकत्रित जल को हटाना है, पानी के गड्ढों को भर देना है। इस कार्य में सभी का सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि माह जुलाई से माह दिसम्बर तक मच्छरों के सक्रिय होने का समय रहता है। अत: इस अवधि में पूरी बांह के कपड़े पहनना, मच्छरदानी एवं मास्कीटो रिपेलेन्ट आदि का उपयोग करना अत्यन्त आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि डेंगू वायरस की रोकथाम के लिए 70 टीमें बनाई गईं हैं, लखनऊ में 110 वार्ड हैं, एक टीम को एक वार्ड में लगभग छह दिन का समय लग जाता है। टीम पानी भरे पोखरों को खाली करायेगी, साफ सफाई का विशेष ध्यान देगी। उन्होंने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स का भी गठन किया गया है ये टीम कहीं से भी डेंगू का मरीज मिलने की सूचना पर वहां पहुंचेगी और मरीज के घर के 100 मीटर के दायरे में साफ-सफाई कर एकत्र पानी को सुखाने का प्रबन्ध करेंगी ताकि क्षेत्र से मच्छर की पैदावार न हो सके। उन्होंने बताया कि डेंगू की विशिष्ट जांचों के लिए प्रदेश में 37 एसएसएच लैब स्थापित हैं तथा मरीजों के उपचार हेतु प्लेटलेट्स की आपूर्ति के लिए 39 ब्लड कम्पोनेन्ट सेपरेशन यूनिट्स स्थापित हैं। उन्होंने बताया कि सीएमओ के नेतृत्व में सरकारी विभागों के कार्यालयों व अधिकारियों के आवास पर औचक निरीक्षण किया जायेगा, अगर निरीक्षण स्थल पर बरसाती पानी, गमलों में पानी व कूलर आदि में पानी एकत्र मिलने पर सीएमओ द्वारा संस्थान या उक्त कार्यालय प्रभारी को नोटिस दिया जायेगा। नोटिस देने के 24 घंटे के अंदर विभाग में साफ-सफाई आदि कार्रवाई न होने की दशा में सीएमओ द्वारा उक्त संस्थान पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

इस रविवार से सरकारी अस्पतालों में होगी मच्छरजनित स्थितियों की जांच

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ ने कहा कि हम लोगों ने अन्य विभागों के प्रमुख सचिव समेत अन्य आलाधिकारियों के साथ मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए जनजागरण कार्यक्रम चलाने को कहा है, प्रत्येक विभाग से कार्यालयों में मच्छर पैदावार की रोकथाम के लिए साफ-सफाई के निर्देश दिये गये हैं। स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए स्कूल के एक अध्यापक को हेल्थ एजूकेटर के रूप में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये शिक्षक इन बच्चों को मच्छर जनित रोगों के कारणों एवं बचाव के संसाधनों से जागरूक करेंगे। उन्होंने कहा कि सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग समेत प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सफाई के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों में साफ सफाई और पानी न एकत्र होने की दशा के लिए पहले अपने विभाग से कार्य शुरू करेंगे। अस्पताल के अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि अगले सप्ताह में पूर्णतया सफाई रखें।

जिला अस्पताल में 10 व सीएचसी में 5 बेड होंगे आरक्षित

प्रमुख सचिव प्रशांत त्रिवेदी ने कहा कि डेंगू मरीजों के इलाज हेतु प्रत्येक जिला अस्पताल में 10 बेड और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर 5 बेड आरक्षित करने के निर्देश दिये गये हैं। इसके अलावा अस्पतालों में हाई फीवर मरीजों के लिए फीवर डेक्स बनाने के निर्देश दिये गये है ताकि बुखार के मरीजों को लाइन न लगानी पडे़ तुरन्त इलाज उपलब्ध हो।

जिलाधिकारियों को शामिल किया जायेगा मुहीम में

मच्छरों को जड़ मूल से खात्मे के लिए जिलाधिकारियों को भी अभियान से जोड़ा जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि प्रत्येक विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागों को अभियान से जोड़ा गया है। शहरी के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिला पंचायत आदि को जोडक़र अभियान को सफल बनाया जायेगा। युद्ध स्तर पर शहर व गांव में एंटी लार्वा का छिडक़ाव किया जायेगा।

इस वर्ष अब तक मिल चुके हैं 89 मरीज

स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने कहा कि गत वर्ष 2016 में डेंगू के 15033 केस मिले थे, 42 मरीजों की मौत हुई थी। इस वर्ष जून माह तक 89 मरीज मिल चुके हैं। हम लोगो का पूरा प्रयास है कि बीमारी को हर स्तर पर रोका जाये। इसके लिए गत वर्ष के 4.50 करोड़ के बजट की अपेक्षा इस बार ज्यादा मिलने की पूरी संभावना है ताकि जागरूकता कार्यक्रम और उपचार की उत्तम व्यवस्था हो सके।

जेई टीकाकरण सफल

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जापानी इंसेफेलाइटिस की रोकथाम के 88.5 लाख बच्चों में वेक्सीनेशन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मगर, स्वास्थ्य कर्मियों की तत्परता से टीकाकरण 103 प्रतिशत सफल रहा है। अबतक के किसी भी टीकाकरण कार्यक्रम में रिकॉर्ड साबित हुआ है।
इससे पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंह ने संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए प्रमुख सचिव व अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.