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जन जागरूकता से जन आंदोलन तक पहुंची कोरोना की यात्रा

-थोड़ी सी भी लापरवाही कोरोना के गिरते ग्राफ को कर सकती है ऊपर

-पीएम ने दिया नया मंत्र जब तक नहीं दवाई, तब तक नहीं ढिलाई

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई ढीली न पड़ने देने की मंशा से आह्वान किया है कि जब तक नहीं दवाई, तब तक नहीं ढिलाई।

अपने ट्वीटर हैंडल से प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत की कोविड-19 की लड़ाई लोगों को प्रेरित करती है, हमारे कोविड योद्धाओं से बहुत ताकत मिलती है, हमारे सामूहिक प्रयासों ने कई लोगों की जान बचाई है, हमें आगे भी यही गति जारी रखनी होगी और अपने नागरिकों को वायरस से बचाना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि आइए, कोरोना से लड़ने के लिए एकजुट हों।  हमेशा याद रखें : मास्क जरूर पहनें। हाथ साफ करते रहें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। ‘दो गज की दूरी’ रखें।

देखें वीडियो, क्‍या कह रहे हैं डॉ सूर्यकांत

प्रधानमंत्री के इस संदेश पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए केजीएमयू के रेस्‍पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो सूर्यकांत का कहना है की प्रधानमंत्री का यह जन आंदोलन कोरोना के इतिहास में मील का पत्‍थर साबित होगा। प्रो सूर्यकांत ने दूरदर्शन पर सीधे प्रसारित कार्यक्रम में कहा कि हमारी कोरोना की यात्रा शुरू हुई थी जन जागरूकता के साथ और आज पहुंच गई है जन आंदोलन तक। प्रो सूर्यकांत ने कहा कि  प्रधानमंत्री के अनुसार मास्क का इस्तेमाल, हाथों को धोते रहना और 2 गज की शारीरिक दूरी बनाकर रहने के इस मंत्र के साथ शुरू किये गये जन आंदोलन में सभी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएं। प्रो सूर्यकांत ने कहा कि ‘दिखा दो ए हिंदुस्तान, हारेगा कोरोना का अभिमान’

प्रो सूर्यकांत ने कहा कि शुरुआत में प्रधानमंत्री ने कोरोना के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्‍य से दीये जलाना, ताली-थाली बजवाना जैसे कार्यों से लोगों को जागरूक करने के साथ हिम्‍मत देने का कार्य किया, कोरोना से फ्रंट पर लड़ रहे स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों के हौसले को बुलंद करने के लिए प्रयास किये थे। उन्‍होंने कहा कि देश में कोरोना की रफ्तार कुछ थम गयी है, लेकिन खतरा तो टला नहीं है, आगे बहुत से त्‍योहार आ रहे हैं। ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही से संक्रमण का ग्राफ ऊपर जा सकता है, इसलिए प्रधानमंत्री के इस नये मंत्र ‘जब तक नहीं दवाई, तब तक नहीं ढिलाई’ का लोगों को अवश्‍य ही पालन करना चाहिये।