-क्षय रोगियों के पंजीकरण की पूरी जानकारी देने के बाद ही होगा निजी अस्पतालों का नवीनीकरण
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सन 2025 तक देश से टीबी के खात्मे के संकल्प को पूरा करने के लिए हर स्तर पर जोर-आजमाइश की जा रही है। इसी कड़ी में टीबी मरीजों का इलाज करने वाले निजी अस्पतालों, प्राइवेट चिकित्सकों और केमिस्टों से भी साफ़ कह दिया गया है कि वह मरीजों का पूर्ण विवरण स्वास्थ्य विभाग को हर माह मुहैया कराएँ। इसका पालन न करने पर जहाँ निजी अस्पतालों के नवीनीकरण को रोका जा सकता है वहीँ प्राइवेट डाक्टरों और केमिस्टों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। दूसरी ओर टीबी मरीजों को नोटीफाई करने वाले प्राइवेट चिकित्सकों को अलग से प्रोत्साहन राशि देने की भी व्यवस्था की गयी है।
इस सम्बन्ध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. नरेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि सभी निजी चिकित्सक /अस्पताल/ नर्सिंग होम/ को प्रत्येक टीबी रोगी की सूचना निक्षय पोर्टल पर देना आवश्यक है। उन्हें पूरे वर्ष में प्रतिमाह किये गए क्षय रोगियों के पंजीकरण की जानकारी देने के बाद नो आब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) प्राप्त करना होगा तभी वह नवीनीकरण के लिए आवेदन करेंगे। इसके साथ ही केमिस्ट्स को भी टीबी रोगियों की सूचना देना अनिवार्य है। सीएमओ ने बताया कि क्षय रोग के उन्मूलन के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है | इसके तहत सभी निजी चिकित्सक /अस्पताल/ नर्सिंग होम/ क्लीनिक पर क्षय रोग के लक्षण एवं उपचार से सम्बंधित प्रचार-प्रसार सामग्री का प्रदर्शन जरूर किया जाये।
जिला क्षय रोग अधिकारी डा.बी.के.सिंह ने बताया कि जिले में पिछले साल 2019 में सरकारी क्षेत्र में कुल 15,394 व निजी क्षेत्र में 7,709 टीबी के रोगी नोटिफाई हुए। इस तरह 2019 में जिले में कुल 23,103 टीबी के रोगी नोटिफाई हुए। डॉ. सिंह ने बताया कि टीबी के मरीज की सूचना देने वाले व्यक्ति को सरकार द्वारा 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
टीबी के लक्षण
- लगातार दो हफ़्तों तक खांसी आना और आगे भी जारी रहना।
- खांसी के साथ खून आना।
- सीने में दर्द होना।
- गले में गिल्टी या सूजन होना।
- सांस का फूलना।
- शाम के समय बुखार आना या ठण्ड लगना।