-ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर्स ग्रुप के हर माह होने वाले आयोजन में योगगुरु ने बताये योगासन
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। योग में वह शक्ति है जो शरीर को स्वस्थ रख सकता है, यही नहीं कुछ योगासन ऐसे भी हैं जो ब्रेस्ट कैंसर का उपचार करा रहे मरीजों को उनके रोग ठीक करने की गति और क्षमता को बढ़ा देते हैं। यह जानकारी दिव्य ज्योति योग साधना केन्द्र के योगगुरु जेपी शर्मा ने आज शनिवार को यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के एन्डोक्राइन सर्जरी विभाग में ब्रेस्ट कैंसर सर्वावाइवर्स के ग्रुप के साथ विशेषज्ञों की मासिक बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने इन आसनों को करने की विधि की भी जानकारी दी।
आपको बता दें विभागाध्यक्ष प्रो आनन्द मिश्रा की पहल पर शताब्दी अस्पताल स्थित विभाग के सेमिनार रूम में हर माह कैंसर का इलाज करा रहे तथा उपचार कराने के बाद ठीक हो चुके लोगों का ग्रुप बनाया गया है, इस ग्रुप के साथ आपसी संवाद स्थापित करने के लिए प्रत्येक माह एक बार बैठक की शुरुआत पिछले दिसम्बर माह से की गयी है। शुरू की गयी इस बैठक में एक ओपन सत्र आयोजित किया जाता है जिसमें किसी न किसी विषय को लेकर विशेषज्ञ जानकारी देते हैं, फिर उसके बाद इन ब्रेस्ट कैंसर सर्वाइवर्स से उनकी परेशानी पूछी जाती है, इन समस्याओं में शारीरिक समस्याओं से लेकर इलाज के दौरान उन्हें आ रही समस्याओं तक के बारे में खुलकर बोलने को कहा जाता है।
बैठक में अगली बैठक में किस विषय पर जानकारी ली जाये इसका चुनाव भी इन सर्वावाइवर्स की सहमति से किया जाता है, आज की इस बैठक में ब्रेस्ट कैंसर मरीजों को योग के बारे में जानकारी पर चर्चा का फैसला दिसम्बर माह में हुई बैठक में ही तय कर लिया था।
अपने व्याख्यान में स्क्रीन की मदद से योगगुरु जेपी शर्मा ने बताया कि ब्रेस्ट कैंसर का उपचार करा रहे लोगों के साथ ही जो उपचार करा चुके हैं उनके लिए भी ये सभी आसन काफी उपयोगी हैं। उन्होंने सात तरह के योगासनों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये सभी आसन खड़े होकर किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि हस्तउत्थान आसन, ताड़ासन, त्रियक ताड़ासन, कटि चक्रासन, हस्त चालन, पर्वत आसन तथा त्रिकोण आसन ब्रेस्ट कैंसर के उपचार में काफी सहायक हैं।
उन्होंने बताया कि हस्तउत्थान आसन, ताड़ासन, हस्त चालन व पर्वत आसन में खड़े होते समय दोनों पैर मिले हुए होने चाहिये जबकि त्रियक ताड़ासन और त्रिकोण आसन में दोनों पैरों के बीच की दूरी एक फुट की होनी चाहिये, ये सभी आसन 5-5 बार किये जाते हैं जबकि कटि चक्रासन में पैरों के बीच की दूरी एक फुट होनी चाहिये तथा इसकी 15 आवृत्ति की जाती हैं। उन्होंने बताया कि इन आसनों को पहले किसी विशेषज्ञ के समक्ष सीखकर करना चाहिये।
इस मौके पर डॉ आनंद मिश्रा ने बताया कि मुझे खुशी है कि जिस उद्देश्य को लेकर हम लोगों ने इस बैठक की शुरुआत की है, उससे लोगों को अपनी बात रखने का मौका मिल रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस रोग का जो हौव्वा बना हुआ है, उसका मिथ दूर होना जरूरी है, दूसरी बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर का इलाज सिर्फ बाहर दूसरे बड़े शहरों में ही हो सकता है, इस धारणा को भी तोड़ना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि जो हमारे कैंसर सर्वाइवर्स हैं, उन्हें चाहिये कि नये मरीज जो अभी इलाज ले रहे हैं, या लेना शुरू किया है, उन्हें आश्वस्त करें कि जिस पर वह ठीक हुए हैं, उसी प्रकार वे भी ठीक हो जायेंगे।
इस मौके पर ट्रॉमा सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी ने डॉ आनंद मिश्रा की इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि मन के हारे हार है, इसलिए मन से न हारिये और दूसरों को देखिये जो ब्रेस्ट कैंसर से निजात पा चुके हैं, आपका आत्मबल बढ़ेगा जो कि आपको जल्द ठीक होने में मदद करेगा। डॉ तिवारी ने योगगुरु जेपी शर्मा को गुलाबी अंगवस्त्र से सम्मानित भी किया। आपको बता दें कि प्रो आनन्द ने इस अभियान को गुलाबी थीम दी हुई है। इसका नजारा बीते अक्टूबर माह में भी दिखायी दिया था जब वार्षिक कार्यक्रम में सर्वाइवर्स का कैटवॉक आयोजित किया गया था, उसमें जितने प्रतिभागी थे, सभी गुलाबी पोशाक में थे।
देखें वीडियो- क्या कहा योगगुरु जेपी शर्मा ने
कार्यक्रम में धन्यवाद भाषण विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ कुलरंजन ने योगगुरु जेपी शर्मा के साथ ही आये हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद देते हुए अगली बैठक के लिए चर्चा के लिए विषय निर्धारित कर बताया कि अगली बार हाथ में होने वाले लिम्फेडिमा (हाथ की सूजन) पर चर्चा होगी। आपको बता दें कि करीब 30 फीसदी लोगों में ब्रेस्ट की सर्जरी के बाद हाथ में सूजन की समस्या हो जाती है। इस मौके पर ब्रेस्ट सर्वावाइवर्स को मोटीवेट करने से लेकर इस सम्बन्ध में होने वाले सभी कार्यक्रमों के आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली समाजसेवा अंजना मिश्रा, नैनीताल से आयी लायन आशा शर्मा, केजीएमयू के मेडिसिन विभाग की चीफ डायटीशियन शालिनी श्रीवास्तव सहित विभाग के रेजीडेंट्स डॉक्टर व अन्य स्टाफ भी उपस्थित रहे।