* अन्य भाषाओं के शब्दों को सरलता से आत्मसात कर अपनी शैली में ढाल लेती है हिन्दी
* उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने आईआईटीआर में हिन्दी सप्ताह के उद्घाटन मौके पर किया आह्वान
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा है कि हिंदी सप्ताह में संकल्प लेते हैं कि हम अपने कार्यों एवं विचार के आदान-प्रदान में हिंदी भाषा का प्रयोग करें। हिंदी बहुत समृद्ध और सरल भाषा है । इसके माध्यम से सभी प्रकार की उन्नति हो सकती है। यह अन्य भाषाओं के शब्दों को बड़ी सरलता से आत्मसात कर अपनी शैली में ढाल लेती है और बाद में वह शब्द हिंदी के ही लगने लगते हैं। यह उसी प्रकार है कि जैसे गंगा अनेक नदियों को आत्मसात कर आगे बढ़ती जाती है।
सी.एस.आई.आर.-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-आईआईटीआर) में आज 14 सितम्बर से शुरू हुए हिन्दी सप्ताह के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए डॉ दिनेश शर्मा ने संस्थान की राजभाषा पत्रिका “विषविज्ञान संदेश” के अंक 31 का विमोचन भी किया। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आईआईटीआर की राजभाषा पत्रिका – विषविज्ञान संदेश एवं अन्य हिंदी प्रकाशन प्रशंसनीय और आमजन के लिए लाभकारी हैं। इनके माध्यम से संस्थान की वैज्ञानिक एवं तकनीकी कार्यों की जानकारी जनता तक पहुँच रही है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरल एवं सुग्राह्य हिंदी का प्रयोग करें जिससे लोग आसानी से समझ सकें । आज जलवायु परिवर्तन हो रहा है, प्रदूषण बढ़ रहा है, जिससे अनेक समस्याएं उत्पन्न हो रहीं हैं। ऐसी जीवन शैली अपनाएं जिससे पर्यावरण संतुलन बना रहे। उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण सुधार हेतु प्रदेश में करोड़ों वृक्ष लगाए हैं।
समारोह के विशिष्ट अतिथि पुलिस उप महानिरीक्षक, ग्रुप केंद्र, केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल, बिजनौर, लखनऊ टी. एन. खुन्टिया ने अपने संबोधन में कहा कि देश को एकता के सूत्र में बांधने में राजभाषा हिंदी का बहुत महत्व है । देश के विभिन्न क्षेत्रों में अनेक भाषाएं प्रचलित हैं। टीवी एवं अन्य माध्यमों से बहुत परिवर्तन हुआ है । आज सभी क्षेत्रों में हिंदी को लोग अच्छी तरह समझते और बोलते हैं।
इस अवसर संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर आलोक धावन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान 50 वर्ष से अधिक समय से पर्यावरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी सेवाएं निरंतर दे रहा है और हिंदी भाषा के माध्यम से आमजन तक वैज्ञानिक एवं तकनीकी जानकारी पहुँचा रहा है । संस्थान के 75 से 80 % वैज्ञानिक कार्य हिंदी संचार माध्यमों में प्रकाशित हो रहे हैं। सीएसआईआर-आईआईटीआर, विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे और विषविज्ञान में मानव संसाधन के साथ ‘स्वच्छ भारत अभियान’, ‘स्वस्थ भारत अभियान’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया ‘, ‘डिजिटल इंडिया ‘, ‘ स्मार्ट गांव ‘,’ स्मार्ट शहर ‘,’ नमामि गंगे’, और’ उन्नत भारत अभियान’ आदि, जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों में समुचित वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग कर सतत विकास का लक्ष्य भी प्रदान करता है। हमारा संस्थान वैज्ञानिक और तकनीकी कार्यों में सहयोग कर उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने और राजभाषा के माध्यम से आमजन तक जानकारी पहुंचाने के कार्य में निरंतर अग्रसर है।
इस अवसर पर सीएसआईआर-आईआईटीआर और सरदार पटेल पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के बीच एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर भी हुए। आईआईटीआर के निदेशक, प्रोफ़ेसर आलोक धावन एवं सरदार पटेल पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डॉ. परवीन मेहरोत्रा ने सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। समारोह में स्वागत भाषण आईआईटीआर के वैज्ञानिक डॉ॰ आलोक कुमार पाण्डेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन हिन्दी अधिकारी चन्द्र मोहन तिवारी ने दिया।