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शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक संवर्ग में भेदभाव हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष ने लिखा कुलपति को पत्र, दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

लखनऊ। आम चुनाव की समाप्ति के साथ ही खत्‍म हो गया आचार संहिता का बैरियर और एक बार फि‍र से चल पड़ी गाड़ी अपनी अपनी रफ्तार पर। इसी के साथ शुरू हो गया सरकार के सामने अपनी मांगें रखने का दौर भी।  इसी क्रम में केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष ने आज कुलपति को एक पत्र लिखकर सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन देने को लेकर अपनी मांग दोहरायी है साथ ही चेतावनी दी है कि अगर इसमें शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग के बीच भेदभाव किया गया तो बड़े आंदोलन के लिए बाध्‍य होना पड़ेगा।

विकास सिंह

केजीएमयू कर्मचारी परिषद के अध्‍यक्ष विकास सिंह ने इस मसले पर कुलपति को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि 11 अगस्‍त, 2015 और 23 अगस्‍त, 2016 के शासनादेशों के अनुसार केजीएमयू के शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संवर्ग के लिए संजय गांधी पीजीआई के बराबर वेतन एवं भत्‍ते प्रदान करने का निर्णय लिया गया था। पत्र में लिखा है कि 6 फरवरी, 2019 के शासनादेश के अनुसार संजय गांधी पीजीआई को सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन एवं भत्‍ते दिये गये हैं। केजीएमयू में भी सातवें वेतनमान क अनुसार वेतन एवं भत्‍तों के लिए 11 फरवरी, 2019 को केजीएमयू के कुलसचिव द्वारा शासन को पत्र लिखा गया था।

 

पत्र में कहा गया है कि सूत्रों से ज्ञात हो रहा है कि केजीएमयू में सातवें वेतनमान के अनुसार वेतन और भत्‍ते सिर्फ शैक्षणिक संवर्ग को ही देने के लिए कार्यवाही की जा रही है, गैर शैक्षणिक संवर्ग को इससे बाहर रखा गया है, जो कि भेदभावपूर्ण है तथा न्‍याय संगत नहीं है। इसके चलते कर्मचारियों में हताशा, निराशा एवं रोष उत्‍पन्‍न हो रहा है। पत्र में लिखा है कि ऐसी परिस्थिति के चलते गैर शैक्षणिक कर्मचारियों को बड़े आंदोलन के लिए बाध्‍य होना पड़ेगा।