एसजीपीजीआई परिसर स्थित केंद्रीय विद्यालय के पुस्तकालय में वांग्मय साहित्य का सेट स्थापित
लखनऊ। गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 77 खंडों वाले वांग्मय साहित्य में रचे हुए ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के इन्दिरा नगर स्थित गायत्री ज्ञान मंदिर उमानंद शर्मा ने उठाया है। इसके लिए वे लगातार एक विचार क्रान्ति ज्ञान यज्ञ अभियान चला रहे हैं। उमानंद शर्मा इस अभियान के संयोजक हैं। आज शुक्रवार को एक और पुस्तकालय में इस साहित्य की स्थापना करवा कर अब तक ऐसे पुस्तकालयों की कुल संख्या 305 हो गयी है। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि श्री शर्मा अब तक इस अभियान की माला में 305 मोती पिरो चुके हैं।
श्री शर्मा ने बताया कि साहित्य का 305वां सेट केन्द्रीय विद्यालय एसजीपीजीआई परिसर लखनऊ उप्र के केन्द्रीय पुस्तकालय में गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं0 श्री राम शर्मा आचार्य द्वारा रचित सम्पूर्ण 77 खण्डों का वांग्मय साहित्य स्थापित किया गया। यह वांग्मय साहित्य गायत्री परिवार रचनात्मक ट्रस्ट, गायत्री ज्ञान मंदिर इन्दिरा नगर की सक्रिय कार्यकत्री चाँदतारा गुप्ता एवं बीरबल गुप्ता ने अपने पूर्वजों की स्मृति में संस्थान के प्रधानाचार्य जीके द्विवेदी को भेंट किया।
डॉ नरेन्द्र देव ने छात्र-छात्राओं को ऋषि द्वारा रचित एक-एक पाकेट बुक तथा उमानंद शर्मा ने सभी शिक्षक/शिक्षिकाओं एवं अतिथियों को भी एक-एक अखण्ड ज्योति पत्रिका भेंट की। इस अवसर पर वांग्मय साहित्य स्थापना अभियान के मुख्य संयोजक उमानंद शर्मा ने वांग्मय साहित्य के महत्व पर प्रकाश डाला। संस्थान के प्रधानाचार्य जीके द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ नरेन्द्र देव, उदयभान सिंह भदौरिया, अनिल भटनागर, बीरबल गुप्ता, चाँदतारा गुप्ता एवं निर्मला पाण्डेय सहित संस्थान के सभी शिक्षक-शिक्षिकायें एवं छात्र-छात्रायें मौजूद थे।