एडवा का बीकेटी 100 शैय्या संयुक्त चिकित्सालय पर धरना-प्रदर्शन
तिलकराज
लखनऊ। यहां के बख्शी का तालाब स्थित राम सागर मिश्र सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय में चिकित्सकों द्वारा अस्पताल से बाहर की दवाएं और जांच लिखने तथा स्टाफ नर्स पर वसूली का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति एडवा की लखनऊ शाखा ने आज 22 मई को अस्पताल परिसर में धरना देकर नारेबाजी की। समिति की मांग है कि कई बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई, दोनों चिकित्सकों और नर्सों को अस्पताल से हटाया जाये तथा इसकी उच्चस्तरीय जांच करायी जाये।
एडवा की जिला सचिव सीमा राना ने उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक को सम्बोधित एक ज्ञापन में लिखा है कि वहां तैनात दो महिला चिकित्सकों और एक स्टाफ नर्स द्वारा इलाज के नाम पर मरीजों को लूटा जा रहा है। पत्र में लिखा है कि बीती 12 अप्रैल को नगर चौगवा इटौंजा निवासी सुनीता अस्पताल में प्रसव के लिए पहुंची थी, चिकित्सक ने उसे दो घंटे बेंच पर बैठाये रखा, और बिना इलाज के भगा दिया। बाद में महिला टेम्पो से जाकर शहर के अस्पताल में भर्ती हुई जहां उसने बच्चे को जन्म दिया।
शिकायत के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
ज्ञापन में लिखा है कि इसी प्रकार 17 मार्च को कठवारा निवासी कल्पना सिंह अपने पति व भाई के साथ इलाज के लिए आयी थी तब इमरजेंसी में तैनात स्टाफ नर्स ने उसका पर्चा फेंक कर इमरजेंसी से भगा दिया था। इसकी शिकायत सीएमएस से की गयी थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ज्ञापन में कहा गया है कि इसी प्रकार पिछले साल 24 सितम्बर, 2016 को प्रसूता ज्योति गुप्ता की मौत की जिम्मेदार एक अन्य चिकित्सक और वही स्टाफ नर्स और स्वीपर पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 3500 रुपये वसूलने वाली स्टाफ नर्स और स्वीपर आज भी यहीं तैनात हैं और गरीबों का खून चूस रही हैं। पत्र के अनुसार इसी प्रकार बीती 2 मई को चिकित्सक और स्टाफ नर्स द्वारा बरगदी निवासी लक्ष्मी और अस्ती निवासी सुशीला से क्रमश: 1500 रुपये और 200 रुपये की दवा बाहर से मंगायी गयी लेकिन जब मरीज दवा नहीं ला सकीं तो उन्हें भगा दिया गया। लक्ष्मी से पिछले साल 4 नवम्बर को भी इन्हीं चिकित्सक ने खून की जांच के नाम पर तीन हजार रुपये लिये थे जबकि खून की जांच रिपोर्ट समय से न मिलने के कारण उसका बच्चा पेट में ही मर गया था। इसी तरह भेलियापुरवा निवासी गीता और उसकी छोटी बहन पूनम से इसी स्टाफ नर्स ने अपने को चिकित्सक बताकर जांच के नाम पर एक हजार रुपये ऐंठ लिये और बाद में तीन हजार रुपये और मांगे।
ज्ञापन में कन्या भ्रूण हत्या के लिए अबॉर्शन कराने जैसे आरोप लगाते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गयी है। अन्य मांगों में अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं और उसके शुल्क के बारे में बोर्ड लगवाना, दवाओं की उपलब्धता, अल्ट्रासाउंड की सुविधा, प्रसव के लिए आने वाली महिलाओं की तत्काल भर्ती की सुविधा तथा अस्पताल के लोगों का मरीजों व तीमारदारों के प्रति अच्छा व्यवहार रखना शामिल है।