लखनऊ। प्रदेश की बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने कहा है कि स्वस्थ माँ और स्वस्थ बच्चा ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं। प्रदेश के विकास को गति तभी मिलेगी जब माँ और बच्चा दोनों ही स्वस्थ होंगे। ये विचार श्रीमती जायसवाल ने आज यहां योजना भवन स्थित सभागार में जिला कार्यक्रम अधिकारियों (डी.पी.ओ.) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किये।
श्रीमती जायसवाल ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि कोई भी बच्चा या माँ कुपोषित न रहे, इसके लिए उनको पर्याप्त पोषण मिलना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कुपोषण से बचाव के लिए जन जागरुकता अभियान चलायें और तीन मानक माँ और बच्चे को पौष्टिक आहार, सही इलाज और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान केन्द्रित करें। उन्होनें कहा कि ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए जिससे कि इन योजनाओं का लाभ लोगों को सही ढंग से मिल सके और प्रदेश कुपोषण मुक्त बन सके। पुष्टाहार को सही तरीके से लाभार्थी तक पहुंचाया जाय उसे पशु आहार न बनने दें।
राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्तरीय मेगा काॅल सेन्टर के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग के फील्ड कर्मियों ए.एन.एम., आशा, मुख्य सेविका, आंगनबाड़ी कार्यकत्री और ग्राम प्रधानों को काॅल करते हुए उनके द्वारा किये गये कार्यों का निरीक्षण कराया जाना प्रस्तावित है, जिससे राज्य स्तर से ग्राम स्तरीय कार्यकर्ताओं एवं लाभार्थियों के साथ संवाद स्थापित हो सके। उन्होंने मेगा काॅल सेन्टर को सम्बन्धित अधिकारियों एवं ग्राम प्रधानों के नाम और मोबाइल नंम्बर भी मेगा काॅल सेन्टर को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बेसिक स्कूलों के आधार पर आंगनबाड़ी केन्द्रों की भी एक विशेष रंग से रंगाई-पुताई कराई जाए, जिससे आंगनबाड़ी केन्द्रों की अलग पहचान बन सके। आंगनबाड़ी केन्द्रों की दीवारों पर कुपोषण और साफ-सफाई से सम्बन्धित श्लोगन भी लिखवाया जाए। साथ ही उन्होंने निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण कार्य जुलाई तक पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में विशेष सचिव, बाल विकास पुष्टाहार मासूम अली सरवर, सचिव अनीता सी. मेश्राम, महानिदेशक राज्य पोषण मिशन कामरान रिज़वी एवं निदेशक आनंद कुमार सिंह सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।