Thursday , March 28 2024

निदेशक प्रशासन पद के उच्चीकरण पर चिकित्सक भडक़े

बैठक में शामिल चिकित्साधिकारीगण।

लखनऊ।  प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने शासन द्वारा निदेशक प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें के पद को उच्चीकृत करके उसे अपर महानिदेशक नाम देने के शासन के मत पर विरोध जताया है। संघ का साफ कहना है कि चिकित्सा अधिकारियों को प्रदत्त अधिकारों में लगातार कटौती करते हुए शासन में बैठे अधिकारियों द्वारा समानांतर व्यवस्था लागू करने की जो कोशिश की जा रही है, चिकित्सक संवर्ग इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। इस सम्बन्ध में लखनऊ स्थित विभिन्न अस्पतालों के अधिकारियों के साथ संघ के अध्यक्ष डॉ अशोक यादव व सचिव डॉ सचिन वैश्य सहित सभी पदाधिकारियों की बैठक में यह तय किया गया कि उच्चाधिकारियों की इस कोशिश का हम हर हाल में विरोध करेंगे।
आचार संहिता के दौरान क्यों किया
डॉ यादव ने बताया कि जिस प्रकार से आचार संहिता के समय सरकार को धोखे में रखकर अधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से विवादास्पद कदम उठाकर निदेशक प्रशासन के पद को उच्चीकृत करने की जो कोशिश की जा रही है वह हमारे अधिकारों का हनन है।  उन्होंने कहा कि निदेशक प्रशासन के समकक्ष के और भी पद हैं लेकिन सिर्फ इसी पद का उच्चीकरण क्यों।
डॉ वैश्य ने कहा कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें एवं महानिदेशक परिवार कल्याण दोनों ही संवैधानिक पद हैं और दोनों विभाग के चिकित्सकों के मुखिया के पद हैं। इन पदों का सृजन किया ही इसलिये गया था कि विभाग में महानिदेशालय द्वारा तकनीकी सलाह दी जा सके।  उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में दिशाहीनता के कारणों का सम्यक विश्लेषण करने पर यह प्रतीत होता है कि इसका मुख्य कारण अकुशल प्रबंधन है।
संघ की मांग है कि शासन प्रांतीय चिकित्सा संवर्ग के चिकित्सकों के लिए एक ठोस नीति बनाये एवं संघ के पदाधिकारियों को भी विचार-विमर्श के लिए आमंत्रित करे। बैठक में आये चिकित्सकों का कहना था कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हो, यूपीएचएसएसपी हो या फिर सिफ्सा, हर जगह ब्यूरोक्रेट्स ने प्रशासनिक कार्य अपने हाथ में लेते हुए एक समानांतर ढांचा खड़ा कर दिया है।  उनका कहना था कि निदेशक प्रशासन के पद पर चिकित्सा संवर्ग के अधिकारी की ही तैनाती होनी चाहिये तथा शासन स्तर पर पूर्व से ही सृजित संयुक्त सचिवों के पदों पर भी चिकित्सक संवर्ग से ही तैनाती होनी चाहिये ताकि शासन स्तर पर भी तकनीकी सलाह का अभाव न रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.