लखनऊ। अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की चिकित्सा में पैरामेडिकल स्टाफ का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है, यह चिकित्सक के साथ मिलकर मरीज के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए इनका प्रशिक्षण बहुत उच्चकोटि का होना चाहिये और केजीएमयू इस उच्चकोटि के प्रशिक्षण को लेकर लगातार प्रयासरत है।
केजीएमयू इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज का स्थापना दिवस मनाया
यह बात किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो रविकांत ने आज केजीएमयू इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के प्रथम स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कही। पैरामेडिकल स्टाफ ही सर्वप्रथम इमरजेंसी में मरीज के पास होता है, और अगर वह अच्छे से प्रशिक्षित नहीं हो तो मरीज को नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने 12 विभिन्न कोर्स के टॉपरों को सम्मानित भी किया। समारोह में प्रो बीना रवि ने कहा कि पैरामेडिकल स्टाफ हिलर की तरह काम करता है, यह प्रोटोकाल की तरह भी कार्य करता है। इन्हें अपने ऊपर पूर्ण विश्वास होना चाहिये और पूर्ण विश्वास तभी आता है जब वे उच्चकोटि का प्रशिक्षण प्राप्त किये हुए हों।
पैरामेडिकल संकाय के डीन प्रो विनोद जैन ने इस अवसर पर कहा कि केजीएमयू इंस्टीट्यूट द्वारा अपने पैरामेडिकल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और कौशल आधारित प्रशिक्षण देने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि छात्रों का सम्पूर्ण विकास हो सके इसलिए यहां छात्रों को अपने विषय के साथ कम्युनिकेशन स्किल, अंग्रेजी की क्लासेज तथा कम्प्यूटर क्लासेज भी उपलब्ध करायी जा रही हैं। समारोह में प्रो यूबी मिश्रा, प्रो मधुमति गोयल, मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट प्रो विजय कुमार के साथ ही अन्य चिकित्सक, कर्मचारी व छात्र उपस्थित थे।