Friday , March 29 2024

कीटोडाइट…वजन घटाने का नायाब तरीका

सुनीता सक्सेना, चीफ डाइटीशियन, केजीएमयू

स्नेहलता
लखनऊ। वजन जब जरूरत से ज्यादा बढ़ जाये तो परेशानी होती है। अपने ज्यादा वजन को लेकर आजकल लोग विशेषकर यूथ ज्यादा फिक्रमंद होने लगे हैं और ऐसे में उन्हें लगता है कि किस तरह से अपने एक्स्ट्रा वजन को कम किया जाये जिससे कि वे फिट रहें और आकर्षक दिखें। यूं तो वजन कम करने के लिए बहुत सी तरकीबें हैं जिनमें एक्सरसाइज, टहलना जैसी आदतों को अपनाने की सलाह सभी लोग देते हैं, और यह उचित भी है इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। लेकिन समाज में एक तबका विशेषकर अनेक यूथ ऐसे हैं जो चाहकर भी आदर्श दिनचर्या नहीं अपना पाते हैं। प्राइवेट जॉब और शिफ्ट वाइज ड्यूटी जैसे अनेक कारणों से उनका देर रात को सोना हो पाता है यानी अर्ली टू बेड एंड अर्ली टू राइज वाले फॉर्मूले पर न चलना उनकी मजबूरी हो जाती है। मुम्बई जैसे महानगरों में इस तरह की दिनचर्या वाले लोगों में कीटो डाइट पद्धति अपनाकर वजन कम करने का ट्रेंड देखा जा रहा है। इस बारे में मुम्बई में एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कम्पनी में जॉब करने वाले मोहित तिवारी बताते हैं कि उनके कई मित्र, जिन्हें ज्यादा वजन की शिकायत है, वे कीटो आहार पद्धति से खानपान कर रहे हैं क्योंकि आधी रात बीतने पर तीन-चार बजे सोने के बाद सुबह जल्दी उठकर योग या अन्य एक्सरसाइज करना उनके लिए अत्यंत कठिन कार्य है, ऐसे में खानपान एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा वजन कम करना आसान है क्योंकि व्यक्ति कितना भी व्यस्त हो खाना उसकी दिनचर्या का अनिवार्य अंग होता है।
कीटो डाइट के बारे में विस्तार से जानकारी लेने के लिए ‘सेहत टाइम्स’ ने किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू)  की चीफ डाइटीशियन सुनीता सक्सेना से एक विशेष मुलाकात की। सुनीता सक्सेना ने बताया कि यह सही है कि 15-15 दिनों के ब्रेक पर कीटो डाइट के अनुसार भोजन लेने से तीन माह में लगभग 10 से 15 किलो वजन कम हो जाता है।
कीटो डाइट के बारे में उन्होंने बताया कि इसे शुरू करते समय 10 दिनों के लिए आहार योजना बनाते हैं इसमें पहले दिन व्यक्ति को सिर्फ फल दिये जाते हैं फलों में केला नहीं दिया जाता है, इसको छोडक़र अन्य फल होते हैं। इसके बाद अगले यानी दूसरे दिन फलों के साथ सब्जियों के सूप भी दिये जाते हैं। तीसरे दिन फल, सब्जियों का सूप तथा दो-तीन गिलास नीबू पानी, नारियल पानी दिया जाता है। इसके बाद चौथे दिन सोया पनीर या टोफू, स्प्राउट्स, टमाटर का सूप लेने की सलाह दी जाती है। सुनीता सक्सेना ने बताया कि पांचवें दिन तक पहुंचते-पहुंचते व्यक्ति के शरीर में पोटेशियम की कमी न हो जाये इसलिए इस दिन तीन से चार केले, टोफू, सब्जियों का सूप देने की सलाह दी जाती है। छठे दिन सोया मिल्क, सब्जियों के सूप, ऐलोवेरा का जूस दिया जाता है। इसके बाद सातवें दिन बहुत सी मात्रा में फल जिसमें अनन्नास, तरबूज, खरबूजा या मौसमी फल दिये जा सकते हैं। सुनीता सक्सेना ने बताया कि इसके बाद आठवें, नौवें और दसवें दिन व्यक्ति को प्रतिदिन एक कटोरी ब्राउन राइस, सब्जियों का सूप, खाने योग्य कच्ची सब्जियां, एक भुना हुआ आलू, आधी चपाती, नीबू पानी लेने की सलाह दी जाती है। उन्होंने बताया कि इस तरह दस दिन का कोर्स पूरा होने के बाद 15 दिनों तक व्यक्ति को पूर्व की भांति सामान्य तरीके से खाना खाने की सलाह दी जाती है तथा 15 दिनों बाद फिर से दस दिनों तक उपरोक्त की तरह से प्रतिबंधित आहार दिया जाता है। यह क्रम तीन माह तक चलाया जाता है।

उन्होंने बताया कि कीटोडाइट के कोर्स के दौरान कुछ लोगों को इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं इनमें प्यास ज्यादा लगना, चक्कर आना, घबराहट, चिड़चिड़ापन, धडक़न बढऩा, सिरदर्द, कोलेस्ट्रॉल बढऩा, ट्राईग्लाईसराइड का बढऩा, कब्ज होना आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने के लिए गेहूं के ज्वारे का रस और नीबू पानी लेना चाहिए।

सुनीता सक्सेना ने स्पष्ट कहा कि इस पद्धति को सभी को अपनाने की सलाह नहीं दी जाती है सिर्फ पूर्णरूप से स्वस्थ और युवा आयु वाले लोगों के लिए ही कीटो पद्धति से वजन कम करना ठीक है। सुनीता सक्सेना ने कहा कि ओल्ड एज वाले व्यक्ति व किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति इस पद्धति को न अपनायें।
इस तरह से देखा जाये तो कीटो डाइट पद्धति वजन कम करने की एक कारगर पद्धति है लेकिन जरूरी यह है कि इसे किसी डाइटीशियन की देखरेख और उसकी सलाह से ही शुरू किया जाये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.