-भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान ने जारी की लखनऊ की पोस्ट मानसून रिपोर्ट
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सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ वायु गुणवत्ता में लॉक डाउन के समय हुआ सुधार अत्यंत अल्प काल के लिए था जैसे ही लॉकडाउन समाप्त किया गया, वायु गुणवत्ता लॉक हो गयी, वाहनों के आवागमन एवं औद्योगिक संगठनों के खुलने से धीरे-धीरे प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखी गई।
वायु प्रदूषण के आंकड़े सीएसआईआर भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईआईटीआर) द्वारा मंगलवार 3 नवम्बर को जारी पोस्ट मानसून रिपोर्ट में दी गयी है। रिपोर्ट में बताया गया है की माह सितंबर व अक्टूबर, 2020 में लखनऊ में 9 आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक के क्षेत्रों को सर्वेक्षण के लिए चुना गया था। आवासीय क्षेत्रों में अलीगंज, विकास नगर, इंदिरा नगर और गोमती नगर क्षेत्रों को शामिल किया गया, जबकि व्यावसायिक क्षेत्रों में चारबाग, आलमबाग, अमीनाबाद और चौक को शामिल किया गया और औद्योगिक क्षेत्र में अमौसी को शामिल किया गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि pm10 और पीएम 2.5 की सांद्रता राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक से अधिक पाई गई। मानसून पूर्व (लॉकडाउन) में मापी गई pm10 और पीएम 2.5 की सांद्रता मानसून के बाद मापी गई सांद्रता में pm10 में 9.6 और पीएम 2.5 में 20.6 की वृद्धि पाई गई इसी प्रकार सभी स्थानों पर so2 तथा no-2 की सांद्रता राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक 80 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम पाई गई। पोस्ट मानसून में मापी गई so2 तथा no2 की सांद्रता प्री मानसून की तुलना में अधिक पाई गई so2 तथा है नोटों के औसत मूल्यों में 111 दशमलव 0% और 38.2% की वृद्धि हुई है रिपोर्ट के अनुसार इसी प्रकार दिन और रात का ध्वनि स्तर सभी आवासीय और व्यावसायिक स्थानों पर राष्ट्रीय मानकों से अधिक पाया गया यह भी प्री मानसून लॉकडाउन की तुलना में पोस्ट मानसून में सभी स्थानों पर अधिक था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस अध्ययन से पता चलता है कि वायु प्रदूषण को जैसे विदित कारण यानी pm10 और पीएम 2.5 so2 no2 और ध्वनि के स्तर में धीरे-धीरे लॉकडाउन की छूट और समय बीतने के साथ वृद्धि हो रही है सभी अध्ययनों की तिथि को देखने से यह पता चलता है कि सभी प्रदूषकों की मात्रा लखनऊ शहर में बढ़ रही है।
आपको बता दें लॉकडाउन के पहले, दूसरे एवं तीसरे चरण में वाहनों का आवागमन एवं पेट्रोल और डीजल की खपत न्यूनतम थी, अधिकांश औद्योगिक संगठन भी उस समय बंद रहे, परिणाम स्वरूप लखनऊ के शहरी क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण का स्तर गत वर्षों की तुलना में काफी कम स्तर तक गिर गया था। लॉकडाउन की घोषणा 23 मार्च 2020 की मध्य रात्रि से की गई थी जो कि अनलॉक फेज में कुछ प्रतिबंधों के साथ सितंबर 2020 तक चला।
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