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चिकित्‍सा योग की तरफ लोगों का तेजी से बढ़ रहा रुझान

-बलरामपुर चिकित्‍सालय के डॉक्‍टरों व पैरामेडिकल स्‍टाफ ने लिया योग प्रशिक्षण

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। बलरामपुर चिकित्‍सालय के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने कहा है कि भारत की पारंपरिक प्राचीन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विधा योग शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य को उन्नत बनाए रखने में कारगर है, हम चाहते हैं कि हमारे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ एवं मिनिस्टीरियल स्टाफ चिकित्सकीय दृष्टि से योग का प्रशिक्षण प्राप्त कर नियमित योगाभ्यास करें।

यह बात डॉ रमेश गोयल ने आज 22 जुलाई को आयोजित योग प्रशिक्षण के मौके पर कही। यहां दोपहर 1:30 से 2:30 बजे तक आयोजित इस सत्र में बलरामपुर चिकित्सालय के चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने योग विशेषज्ञ डॉ. नंदलाल जिज्ञासु के निर्देशन में चिकित्सकीय दृष्टि से योग का प्रशिक्षण प्राप्त किया।

इस मौके पर चिकित्‍सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जी.पी.गुप्ता ने बताया कि जहां डायनामिक एवं स्टैटिक्स योगिक प्रैक्टिस युवाओं के लिए लाभप्रद है, वहीं अधिक उम्र के लोगों को सूक्ष्म व्यायाम एवं मेरुदंड के घुमावदार आसन एवं प्राणायाम स्वास्थ्य प्रबंधन में उपयोगी है। सीनियर कंसलटेंट फिजीशियन डा. नरेंद्र देव ने बताया चिकित्सकीय दृष्टि से किया गया योगाभ्यास जीवनशैली संबंधी रोगों के प्रबंधन में विशेष उपयोगी है।

पल्मनोलॉजिस्ट आनंद कुमार गुप्ता ने बताया भुजंगासन, उष्ट्रासन, धनुरासन एवं भस्त्रिका प्राणायाम के अभ्यास से फेफड़े की कार्य क्षमता बढ़ती है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने कहा कि‍ योगाभ्यास प्रातः काल अथवा सायंकाल खाली पेट करना चाहिए, नाश्ता करने अथवा खाना खाने के पश्चात योगाभ्यास नहीं करना चाहिए।

डॉ. नंदलाल जिज्ञासु ने बताया कि लोगों का रुझान चिकित्सा योग की तरफ तेजी से बढ़ रहा है, मरीजों के अलावा डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट, पत्रकार एवं अन्य लोग उत्सुकता  के साथ आयुष विभाग बलरामपुर चिकित्सालय में योग का प्रशिक्षण लेने आते हैं। यहां षटकर्मों जैसे (जल नेती, कुंजल, नौलि क्रिया, त्राटक एवं कपालभाति) का भी अभ्यास कराया जाता है। उन्‍होंने बताया कि योग सत्र एवं षटकर्म प्रातः काल 8:30 से दोपहर के 2:00 बजे तक आयुष विभाग बलरामपुर चिकित्सालय में नियमित होता है। 

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