Wednesday , October 11 2023

होम क्‍वारेंटाइन या होम आईसोलेशन के बारे में दी विस्‍तार से जानकारी

-प्रो विनोद जैन ने बताया क्‍या है सेफ एंड हैप्पी होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज के अधिष्ठाता एवं प्रोफेसर ऑफ सर्जरी डॉ विनोद जैन द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं उसके प्रसार की रोकथाम के लिए यूट्यूब में सजीव प्रसारण के माध्यम से ‘सेफ एंड हैप्पी होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन’ कार्यक्रम का आयोजन कर आमजन को कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक किया। पहली अगस्‍त को लगभग 36 मिनट तक चले इस प्रसारण को वर्तमान समय तक एक हजार लोगों द्वारा देखा गया।

इस अवसर पर डॉ विनोद जैन ने होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि होमक्वारेंटाइन उन व्यक्तियों को किया जाता है जो बीमार नहीं होते हैं परन्तु कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हों इन्हीं व्यक्तियों को अलग करने की प्रक्रिया को होम क्वारेंटाइन कहते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे व्यक्ति जो कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव हैं परन्तु या तो वह लक्षणविहीन हैं या बहुत मामूली लक्षण पाए जाते हैं, उनको घर पर रहने की सुविधा या होम क्वारेंटाइन की सुविधा दी जाती है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि रोगी द्वारा अन्य लोगों में यह संक्रमण न फैले चाहे वह परिवार का हो या समाज का हो। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि जिस व्यकित को होम आईसोलेशन में रखा गया है उसके स्वास्थ्य की पूरी निगरानी की जाए ताकि उसके जीवन को कोई क्षति न पहुंचे।

डॉ विनोद जैन ने बताया कि होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन का समय विभिन्न दिशा-निर्देशों के द्वारा बदलता रहता है लेकिन सामान्यत: यह 14 दिनों का होता है क्योंकि कोविड-19 का संक्रमणकाल 14 दिनों का होता है जब यह वायरस उत्पन्न होता है और इसके लक्षण सामने आते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि किस-किस में होम क्वारेंटाइन किया जाना चाहिए। जो व्यक्ति किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो, किसी संक्रमित व्यक्ति के मूत्र, बलगम या उल्टी को बगैर पी0पी0ई0 किट के बगैर छूने वाले व्यक्ति को होम क्वारेंटाइन की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि होम क्वारेंटाइन के समय सिंगल कमरे में रहते हैं, अलग बाथरूम व तौलिए का प्रयोग करना चाहिए तथा ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करते हुए किसी अन्य व्यक्ति के संपर्क में नहीं आना चाहिए। होम क्वारेंटाइन में रहने वाले व्यक्ति को हर 6-8 घंटे में मास्क बदलना है। इस्तेमाल किए गए मास्क को आधे घण्टे ब्लीच में डालने के बाद उसका सही निस्तारण करना है उसको या तो जला दें या फिर जमीन में दबा दें।

डॉ विनोद जैन ने बताया कि होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन की अवधि में लगातार पानी या अन्य पेय पदार्थ पीते रहना चाहिए तथा स्वास्थ्य संबंधी किसी भी प्रकार की शिकायत पर तत्काल हेल्थ सेंटर पर संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि बीमार व्यक्ति जिसका उपचार चल रहा हो जैसे कैंसर के मरीज जिसकी कीमोथेरेपी चल रही हो, डायबिटिज के रोगी, उच्च रक्तचाप के रोगी तथा हद्य संबंधी रोगी के संपर्क में न आएं तथा वृद्ध एवं बच्चों से दूरी बनाकर रखें। खाने-पीने व अन्य देखरेख घर का एक ही व्यक्ति करें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन व्यक्ति को अपने कपड़े व कमरे की साफ-सफाई स्वयं ही करनी चाहिए।

डॉ विनोद जैन ने होम आईसोलेशन का पात्र कौन व्यक्ति नहीं होता है के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कैंसर के मरीज, एच0आई0वी0 पॉजिटिव मरीज एवं अंग प्रत्यारोपित करा चुके व्यक्ति, डायबिटिज के मरीज, गुर्दे, लि‍वर, फेफड़े की बीमारी से संबंधित व्यक्ति चिकित्सालय में ही रहेंगे तथा वह होम आईसोलेशन के पात्र नहीं होंगे। होम आईसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को आरोग्य सेतु/चिकित्सा सेतु ऐप रखना अनिवार्य होता है।

डॉ विनोद जैन ने बताया कि होम आईसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति की देखरेख करने वाले व्यक्ति के लिए भी भारत सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिसके तहत रोगी की देखरेख करने वाले व्यक्ति को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन बचाव के रूप में लेनी है, जिसके बारे में चिकित्साधिकारी द्वारा बताया जाता है। उन्होंने बताया कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का प्रयोग 15 वर्ष से ऊपर की आयु के लोगों को करना चाहिए तथा सामान्यत: यह पहले दिन 400 मिलीग्राम दिन में दो बार दी जाती है और उसके बाद सप्ताह में एक बार तीन सप्ताह तक अथवा सात सप्ताह तक चिकित्सकों द्वारा परामर्श करने के बाद दी जाती है। इसके साथ ही चिकित्सा अधिकारी यह भी देखेगा कि इसके उपयोग करने वाले व्यक्ति को दिल से संबंधित बीमारी तो नहीं है क्योंकि यदि किसी व्यक्ति को हद्य से संबंधित बीमारी है तथा व्यक्ति की आयु 40 वर्ष से अधिक तो नहीं है अगर ऐसा होता है तो कुछ जांच के बाद ही चिकित्सा अधिकारी की सलाह पर ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का उपयोग करना चाहिए, स्वयं से यह दवा नहीं लेनी चाहिए।

डॉ विनोद जैन ने बताया कि होम क्वारेंटाइन/होम आईसोलेशन के दौरान यदि सांस लेने में दिक्कत आ रही है या शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है, छाती में दर्द हो रहा हो, आवाज लड़खड़ाने लगे, शरीर का कोई अंग सुन्न पड़े तो तत्काल चिकित्सालय में संपर्क करना चाहिए और भर्ती होना चाहिए।इस के साथ ही उन्होंने बताया कि होम आईसोलेशन के दौरान कोई भी लक्षण सामने नहीं आ रहे हों तो चिकित्सीय परामर्श से दस दिन में समाप्त किया जासकता है। हालांकि इसके बाद सात दिन तक विशेष सर्तकता बरतनी चाहिए। उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए के0जी0एम0यू0 पैरामेडिकलसाइंसेस के राघवेन्द्र शर्मा एवं शालिनी गुप्ता का विशेष सहयोग रहा।