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बच्‍चों में मुख की सफाई बड़ी समस्‍या, 250 में से 163 बच्‍चों में मिली दांत की बीमारियां

-केजीएमयू के ओरल पैथोलॉजी एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग ने पीएचसी पर लगाया शिविर

-अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर महिलाओं संग बच्‍चों की भी की गयी जांच

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के दंत विज्ञान के ओरल पैथोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी फैकल्टी ऑफ डेंटल साइंसेज द्वारा महिलाओं व बच्चों के दांतों की जांच के लिए सरोजनी नगर क्षेत्र स्थित पहाड़पुर गांव की पीएचसी पर आज प्रो (डॉ) शालिनी गुप्ता (ओरल मैक्सिलोफेशियल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी विभाग) एवम प्रो (डॉ) मोनिका अग्रवाल (सामुदायिक चिकित्सा विभाग)की देखरेख में शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में करीब 250 बच्चों और 50 महिलाओं का दंत परीक्षण किया गया। बच्चों के दंत स्वास्थ्य की स्थिति ज्यादा प्रभावित पाई गई।

आज 9 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला सप्ताह (6 मार्च -12 मार्च) के अवसर पर एक मुफ्त दंत चिकित्सा शिविर और विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनका महिला अधिकार केंद्र (महिला अधिकारिता प्रकोष्ठ), सामुदायिक चिकित्सा विभाग द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिन 250 बच्चों की जांच एवं स्क्रीनिंग की गई, उनमें 163 बच्चों को किसी न किसी तरह की दांत की समस्या मिली। 163 बच्चों में 35 बच्चों में पायरिया की शिकायत मिली, जबकि 40 बच्चों में मसूढ़े की सूजन और पीरियोडोनटाइटिस देखा गया 20 बच्चों में अति संवेदनशीलता की शिकायत मिली जबकि 60 बच्चों में सकल दंत क्षय के साथ पहली स्थाई दाढ़ और प्रारंभिक बचपन की क्षय, फ्लोरोसिस के दाग वाले 7 बच्चे पाए गये जबकि एक बच्चे में सिंड्रोम भी देखा गया।

इस शिविर का आयोजन  श्रीमती पिंकी सिंह (पूर्व प्रधान ) एवं डॉ नीरज (एमओ प्रभारी पीएचसी सरोजिनी नगर)और डॉ वसीम शाह (एमओ आयुष पीएचसी सरोजिनी नगर) के सहयोग से किया गया।  

यह शिविर प्राथमिक शिक्षा केंद्र में उपस्थित बच्चों और वयस्कों के दांतों की जांच पर केंद्रित था, जिनकी मौखिक स्वच्छता और दंत जांच के लिए जांच की गई थी।  इस शिविर से 250 बच्चों की जांच और स्क्रीनिंग की गयी। मरीजों की खराब ओरल हाइजीन के एवज में ओरल हाइजीन प्रोडक्ट्स (टूथब्रश, टूथपेस्ट) बांटे गए 50 गर्भवती माताओं की पूरे स्वास्थ्य की जांच की गई। कई महिलाएं एनीमिक पाई गईं, कुछ में ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आया और उनमें ब्लड प्रेशर भी नोट किया गया।  बच्चों का टीकाकरण भी किया गया।  जिन बच्चों और महिलाओं को इलाज की जरूरत थी, उन्हें पीएचसी सरोजिनी नगर और केजीएमयू ओपीडी रेफर कर दिया गया।

महिला अधिकार केंद्र (महिला अधिकारिता प्रकोष्ठ) के बैनर तले मासिक धर्म स्वच्छता ,तंबाकू बंद करने, कैंसर और कैंसर के घावों की जांच और बाल शोषण, मौखिक स्वच्छता, हाथ की स्वच्छता पर जागरूकता का प्रचार किया गया। इसके बाद एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं और प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम का प्रचार किया गया।

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