-राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर 30 स्वैच्छिक रक्तदाताओं और रक्तदान शिविर आयोजक सम्मानित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। संजय गांधी पीजीआई के निदेशक प्रो आरके धीमन ने राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में ट्रांसफ्यूजन एसोसिएटेड ग्राफ्ट वर्सेज होस्ट डिजीज (टीए-जीवीएचडी) को रोकने के लिए आज संस्थान के रक्त केंद्र में एक एक्स-रे आधारित रक्त घटक इरेडिएटर सुविधा का उद्घाटन किया। टीए-जीवीएचडी को रोकने के लिए रक्त केंद्र में रक्त उत्पादों को गामा विकिरण के ज़रिए इरेडिएट किया जाता है। टीए-जीवीएचडी एक गंभीर बीमारी है जो तब होती है जब डोनर की लिम्फ़ोसाइट्स को प्राप्तकर्ता में प्रत्यारोपित किया जाता है, इन लिम्फ़ोसाइट्स में बढ़ोतरी होती है और ये लक्षित अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं।
आपको बता दें कि यह बीमारी ट्रांसफ़्यूज़न के 10-14 दिनों के बाद दाने, पैन्सीटोपेनिया, और असामान्य यकृत कार्य के साथ प्रकट होती है। ज्ञात हो विकिरणित रक्त का उपयोग दाता रक्त में टी लिम्फोसाइटों को निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है जब प्राप्तकर्ता की प्रतिरक्षा कमजोर होती है, जैसे कि भ्रूण के रक्त आधान के दौरान, जब मरीज विशिष्ट कीमोथेरेपी ले रहे होते हैं, अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण से गुजर रहे होते हैं, या परिवार के किसी करीबी सदस्य से रक्त प्राप्त कर रहे होते हैं। एसजीपीजीआई का ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग विकिरणित रक्त की सुविधा (गामा इरेडिएटर-आधारित) प्रदान करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला केंद्र था जो की 1994 में शुरू हुआ था। एक्स-रे-आधारित विकिरणकों के विपरीत, गामा विकिरणक रेडियोधर्मी स्रोतों का उपयोग करते हैं। जैव सुरक्षा चिंताओं के कारण गामा विकिरण के लिए रेडियोधर्मी स्रोतों के उपयोग को कम करने के लिए प्रयास पूरी दुनिया में किए जा रहे हैं।
हर साल 1 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस मनाया जाता है। यह प्रोफेसर जे.जी.जॉली का भी जन्मदिन है, जिन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ और एसजीपीजीआई में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की स्थापना की। उन्होंने पूरे भारत में स्वैच्छिक रक्तदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर काम किया। संस्थान में आयोजित समारोह में इस अवसर पर 30 स्वैच्छिक रक्तदाताओं और स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजकों को सम्मानित किया गया।
आज विभाग ने तीन स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी आयोजित किये। इसके साथ ही रक्तदान के विषय पर एक पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें कॉलेज ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी के छात्रों द्वारा बनाए गए तीन सर्वश्रेष्ठ पोस्टरों ने प्रशंसा प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार जीते।
इस मौके पर एसजीपीजीआई के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन, डीन प्रोफेसर आदित्य कपूर, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर वी. के. पालीवाल, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की प्रमुख प्रोफेसर प्रीती एल्हेंस, प्रोफेसर अनुपम वर्मा, प्रोफेसर प्रशांत अग्रवाल, प्रोफेसर अतुल सोनकर, प्रोफेसर धीरज खेतान, डॉ भरत सिंह और डॉ. पल्लवी रानी, के साथ ही ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर और कर्मचारी, भी उपस्थित रहे।