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विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने माना, भारत की आयुर्वेदिक पद्धति का लोहा

ऐप के जरिये डायबिटीज, हाईपरटेंशन जैसी बीमारियों की जानकारी देगा, 21 जून को लॉन्‍च होने की संभावना

 

लखनऊ। विश्‍व के स्‍वास्‍थ्‍य की दिशा और दशा तय करने वाले विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने भारत की प्राचीनतम उपचार पद्धति आयुर्वेद का लोहा माना है। डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ इस संबंध में एक करार किया है। इसीलिए आधुनिक जीवन शैली से जुड़ी हाईपरटेंशन, मधुमेह जैसी बीमारियों के बारे में मोबाइल फोन के ऐप के जरिये जानकारी देने का फैसला किया है, आगामी 21 जून को होने वाले अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के मौके पर इस ऐप को लॉन्‍च किया जा सकता है।

 

 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस ऐप से देश भर में खुलने जा रहे 12 हजार 500 हेल्‍थ एंड वेलनेस सेंटर्स को भी जोड़ा जायेगा ताकि लोग इन सेंटरों के बारे में जान सके और पहुंच सकें। इस ऐप में हर प्रकार का योगासन के साथ ही भारतीय वैज्ञानिकों के मधुमेह से जुड़े शोध और आयुर्वेदिक औषधियों की जानकारी मिलेगी। आपको बता दें कि सीएसआईआर के वैज्ञानिकों द्वारा हिमाचल की 500 औषधियों पर रिसर्च करने के बाद दवा को तैयार किया गया था। इसके अतिरिक्‍त इस ऐप में यह भी बताया जायेगा कि दिल की बीमारियों से किस तरह बचा जा सकता है।

 

आपको बता दें सीएसआईआर के वैज्ञानिकों ने हिमाचल प्रदेश की 500 औषधियों पर शोध के बाद डायबिटीज की दवा को तैयार किया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब डब्ल्यूएचओ ने आयुर्वेद को लेकर इस तरह का करार किया है यह करार आयुष मंत्रालय के साथ किया गया है।