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कोरोना से तो जीत गये लेकिन यूरीनरी ट्रैक्‍ट इन्‍फेक्‍शन ने हार गये जॉर्जियन डॉ सुनील

-केजीएमयू में प्‍लाज्‍मा थेरेपी से इलाज कराने वाले पहले मरीज थे डॉ सुनील अग्रवाल

डॉ सुनील अग्रवाल (फाइल फोटो)

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। उरई निवासी 58 वर्षीय चिकित्सक डॉ सुनील अग्रवाल की आज 9 मई को केजीएमयू में मृत्‍यु हो गयी। डॉ सुनील अग्रवाल वह पहले मरीज थे,  जिनके कोरोना संक्रमण का इलाज केजीएमयू में प्‍लाज्‍मा थेरेपी से हुआ था। उनकी कोरोना की दो बार की रिपोर्ट भी निगेटिव आयी थी लेकिन यूरिनरी इन्‍फेक्‍शन के चलते उनकी मृत्‍यु हो गयी।

किंग जॉर्ज चिकित्‍सा विश्‍वविद्यालय (पूर्व में केजीएमसी) से पढ़ाई करने वाले डॉ सुनील का पुत्र भी केजीएमयू में ही पढ़ रहा है। बताया जाता है कि डॉ सुनील और उनकी पत्‍नी दोनों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। डॉ सुनील को वेंटीलेटर पर भी रखा गया था, हालांकि प्‍लाज्‍मा थेरेपी से इलाज के बाद उनकी हालत में सुधार हुआ था, इसके बाद उन्‍हें वेंटीलेटर से हटा भी दिया गया था, लेकिन डॉ सुनील को यूरिनरी ट्रैक्‍ट इन्‍फेक्‍शन हो गया था, उनकी डायलिसिस भी की गयी, लेकिन बचाया नहीं जा सका। डॉ सुनील की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी थी।, उनकी पत्‍नी की रिपोर्ट भी कोरोना निगेटिव आ चुकी है, उन्‍हें आज डिस्‍चार्ज किया जाना है।    

उनके सहपाठी रहे आईएमए लखनऊ के अध्‍यक्ष 2017 डॉ पीके गुप्‍ता ने उनको अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उरई के कोरोना पॉजिटिव डॉ सुनील अग्रवाल की आखिरी रिपोर्ट में कोविड टेस्ट नेगेटिव आ गया था। वह कोरोना से लड़ाई तो जीत गए लेकिन किडनी संक्रमण से हार गए। उन्‍होंने कहा कि वह हमारे 1981 जॉर्जियन बैच मेट थे। हम लोग 1988 तक साथ थे वो स्वभाव से सौम्य और नम्र थे देस-विदेश में फैले जॉर्जियन 81 परिवार उनके परिवार के साथ है। उनके परिवार में एक पुत्र,  एक पुत्री और पत्नी हैं।

केजीएमयू सहित अन्‍य कई चिकित्‍सकों ने भी डॉ सुनील अग्रवाल की मृत्‍यु पर गहरा शोक जताया है। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन,  उत्‍तर प्रदेश ने भी उन्‍हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ईश्‍वर से प्रार्थना की। अनेक पत्रकारों ने भी उनकी मौत पर दुख जताते हुए उन्‍हें अपनी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की है।