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स्तन कैंसर की आशंका मात्र से चिंतित होकर बीमार हो रही हैं महिलाएं

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के सर्जरी विभाग के स्थापना दिवस पर आयोजित हुई सीएमई

सेहत टाइम्स

लखनऊ। स्तन में होने वाला बदलाव या इसमें पायी जाने वाली प्रत्येक गांठ कैंसर नहीं होती है, अधिकतर गांठें तो बिना दवा के ठीक हो जाती हैं, कुछ गांठों का इलाज दवा से किया जाता है, लेकिन इन गांठों के होने के चलते महिलाएं बहुत चिंतित हो जाती है, इसी स्थिति को बिनाइन ब्रेस्ट डिजीजेस कहा जाता है। आंकड़े बताते हैं कि 85 प्रतिशत महिलाओं के स्तन में गांठ होने पर कैंसर नहीं होता है। लेकिन गांठ अगर महसूस होती है तो चिकित्सक को अवश्य दिखाना चाहिये क्योंकि गांठ की प्रकृति के बारे में चिकित्सक की राय आवश्यक है।

यह महत्वपूर्ण जानकारी आज 1 फरवरी को डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में जनरल सर्जरी विभाग के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) में दी गयी। सीएमई का विषय ”बिनाइन ब्रेस्ट डिजीजेस” था। बताया गया कि यह महिलाओं में पायी जाने वाली एक ऐसी बीमारी है जो उनमें भय व चिन्ता का कारण बनती है। जनरल सर्जरी विभाग द्वारा इन मरीजों के लिए विभागाध्यक्ष डॉ0 प्रियंका राय की अध्यक्षता में प्रत्येक सोमवार को ब्रेस्ट क्लीनिक का भी संचालन किया जाता है।

सी एम ई में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए गए। संजय गांधी पी0जी0आई0एम0एस0 से डॉ0 गौरव अग्रवाल ने ”ग्रैनुलोमेटस मैस्टाइटिस” पर व्याख्यान दिया। डॉ0 अमित अग्रवाल, मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ से अपने व्याख्यान में श्रोताओं को एक घातक व्याधि ‘फिल्लोड्स ट्यूमर’ के विषय में बताया। इसके अतिरिक्त डॉ0 अनुराग गुप्ता एवं डॉ0 नेहा सिंह द्वारा भी लोहिया संस्थान में अपने व्याख्यान में क्रमशः पैथोलॉजिकल एवं रेडियोलॉजिकल पहलुओं पर प्रकाश डाला गया। सीएमई में डॉ रोमा प्रधान, ने भी अपने विचार रखे।

इस मौके पर उपस्थित संस्थान के निदेशक प्रो. (डॉ.) सीएम सिंह ने विभाग में चल रहे शोध, सर्जरी, ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवाओं की सराहना की एवं आगे और शोध कार्य करने के लिए प्रेरित करते हुए अपने आशीर्वचन दिए।

इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ विभागाध्यक्ष डॉ0 प्रियंका राय द्वारा प्रस्तुत वार्षिक रिपोर्ट से हुआ, उन्होंने बताया कि पिछले साल 38000 मरीज देखे गए। 10500 मरीजों का इलाज हुआ, 7400 सर्जरी एक साल में की गईं। तक़रीबन 600 एडवांस्ड लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की गई। डिपार्टमेंट द्वारा इंटरनेशनल शोध पत्रिकाओं में 7 शोध प्रकाशित हुए। इसके बाद डॉ0 अमरजोत सिंह ने स्वागत भाषण दिया। डॉ अमरजोत सिंह ने बताया कि स्तन के कैंसर के डर के कारण काफ़ी सारी महिला मरीज बाह्य रोगी विभाग में आकर दिखाती हैं इनमें 85% में कैंसर नहीं होता है।

इस सीएमई में डॉ0 एसके भट्ट, डॉ0 विकास सिंह, डॉ0 रोहित श्रीवास्तव, डॉ0 सुनील कुमार सिंह, डॉ0 रुद्रमणि, डॉ0 नीलभ अग्रवाल, डॉ0 अनमोल एवं डॉ0 रितेश भी उपस्थित रहे। अंत में डॉ0 संजय कुमार भट्ट द्वारा दिए गए धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम का समापन किया गया।

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