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करियर की भेंट चढ़ रहा ‘मातृत्‍व’!

-40 वर्ष की उम्र में कर रहीं बच्‍चे की प्‍लानिंग

-25 साल की लड़कियां चाहती हैं अंडे फ्रीज कराना

सेहत टाइम्‍स

लखनऊ। यह एक चिंता का विषय है कि संतान की चाहत लेकर डॉक्‍टरों के पास आने वाली महिलाओं में 50 प्रतिशत महिलाओं की उम्र 40 वर्ष होती है। संतान उत्‍पत्ति में देरी का कारण देर से शादी, देर से बच्‍चे की प्‍लानिंग पायी गयी है। एक और सोचने वाली बात यह है कि एक साल पहले तक जहां 35 वर्ष की आयु वाली फीमेल अपना अंडा फ्रीज कराने आती थीं अब इस साल 25 से 30 वर्षीय लड़कियां भी अपने एग फ्रीज कराने पहुंच रही हैं।

आयोजक डॉ गीता खन्‍ना के साथ ही सभी आईवीएफ विशेषज्ञों ने एकस्‍वर से कहा कि हमारी यह अपील है कि एग फ्रीज करने की सुविधा दिये जाने का उद्देश्‍य यह है कि अगर महिला को कोई ऐसी बीमारी है, या उसका कुछ ऐसा ट्रीटमेंट चल रहा है तो एग फ्रीज कर वे भविष्‍य में मातृत्‍व लाभ ले सकती हैं। लेकिन सिर्फ करियर के लिए इस सुविधा का इस्‍तेमाल करना सही नहीं कहा जा सकता।

इसी प्रकार अपने करियर को संवारते-संवारते विवाह की उम्र निकाल देना, विवाह समय से हो जाये तो संतान उत्‍पत्ति को लम्‍बे समय के लिए टालना ठीक नहीं है। विशेषज्ञों ने कहा कि ऐसी-ऐसी महिलाएं उनके पास आती हैं जिनकी उम्र 40 वर्ष हो गयी है और अब वे गर्भधारण करना चाहती हैं, जबकि ज्‍यादा से ज्‍यादा 35 वर्ष तक गर्भधारण कर लेना चाहिये। डॉ गीता का कहना था कि यहां यह समझने की आवश्‍यकता है कि सिर्फ संतान पैदा करना ही लक्ष्‍य नहीं है, उसका सही तरीके पालन-पोषण करना भी माता-पिता का दायित्‍व है। 

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