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निष्‍ठा से कार्य कर रहे कर्मचारियों के प्रति सरकार का रवैया नकारात्‍मक क्‍यों ?

-कर्मचारी-शिक्षक संयुक्‍त मोर्चा ने उठाये सवाल, जताया आश्‍चर्य

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। कर्मचारी-शिक्षक संयुक्त मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वी पी मिश्रा एवं महासचिव शशि कुमार मिश्रा ने कहा है कि राज्य सरकार के नकारात्मक रवैये से कर्मचारी नाराज हैं। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया है कि प्रदेश के सभी विभागों के कर्मचारी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारी से मेहनत करके सरकार की योजनाओं/कार्यों को संपन्न कर रहे हैं। अस्पतालों के डॉक्टर, नर्सेज़, लैब टेक्नीशियन, फार्मेसिस्ट सहित सभी पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी एवं अन्य तकनीकी कर्मचारी घर बार छोड़कर रात दिन कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं नगर निगमों एवं नगर पंचायतों के कर्मचारी जलकल, सफाई आदि कार्यों को पूरी तनमयता से कर रहे हैं।

नेताद्वय ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि उन्हें पुरस्कार देने के बजाय उनके 7 भत्तों को समाप्त करने का निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए था। कर्मचारियों ने 1 दिन का वेतन भी मुख्यमंत्री आपदा कोष में दिया है। मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है कि राज्य सरकार कुछ पदों को भी समाप्त करने जा रही है। प्रदेश में आवश्यकता के हिसाब कर्मचारियों की संख्या वैसे ही कम है। डॉक्टर, नर्सेज, पैरामेडिकल स्टाफ के पदों पर भर्ती नहीं की गई है जिसकी वजह से उन पर वर्क लोड अत्यधिक है। इसी तरह अन्य निगमों में पद खाली पड़े हैं। क्या पदों को समाप्त करने से प्रदेश में तरक्की तेजी से होने लगी है। इससे ऐसा आभास हो रहा है कि सरकार निजीकरण की तरफ जा रही है।

अध्यक्ष एवं महामंत्री ने मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है कि कर्मचारी विरोधी नीत की तरफ बढ़ने का त्याग करके सकारात्मक दृष्टिकोण अपनायें जिससे कि कर्मचारियों का मनोबल बढ़े। उन्होंने अपेक्षा की है कि कर्मचारी संगठनों के साथ पूर्व में हुए समझौतों का क्रियान्वयन समयबद्ध रूप में कराएं तथा संवाद भी प्रारंभ करें इससे आपसी सद्भाव सुदृढ़ होगा।