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दवा के बारे में विस्तृत पढ़ाई के बावजूद फार्मासिस्ट को प्रिस्क्रिपशन लिखने का अधिकार क्यों नहीं ?

-यूथ फार्मासिस्ट फेडरेशन की स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया फार्मासिस्ट अधिकार दिवस

सेहत टाइम्स
लखनऊ।
उपचार के लिए प्रिस्क्रिपशन लिखने का अधिकार की मांग करते हुए फार्मासिस्ट अपने ज्ञान को भी अपडेट करेंगे। इसके लिए समय-समय पर सतत शिक्षा कार्यक्रम भी चलाया जाएगा।

ये बातें आज यूथ फार्मासिस्ट फेडरेशन की स्थापना दिवस के अवसर पर फार्मासिस्ट अधिकार दिवस को संबोधित करते हुए फार्मासिस्ट फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहीं। पूर्व विधायक लालजी यादव ने सभा को संबोधित हुए करते हुए कहा कि फार्मासिस्ट गांव के गरीबों के लिए भगवान के रूप होते हैं। गरीब व्यक्ति अस्पतालों में जाकर फार्मेसिस्ट से मिलता है और उनसे स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है इसलिए उन्हें उनका अधिकार मिलना ही चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ मणिंद्र मिश्रा ने कहा कि विदेश के बाद देश में भी फार्मासिस्टों को सम्मान मिलना चाहिए उन्होंने कहा कि देश में फार्मेसी शिक्षा बहुत विकसित हो रही है लेकिन उसका उपयोग जनता को भी उतना नहीं मिल पा रहा है ।

यूथ फार्मेसिस्ट फेडरेशन के संरक्षक उपेंद्र यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष आदेश कृष्ण ने बताया कि फार्मेसिस्ट फेडरेशन के आह्वान पर आज ‘फार्मेसिस्ट अधिकार दिवस’ मनाया गया, जिसमें सभी विधाओं के फार्मेसिस्ट, शिक्षक एवं फार्मेसी छात्रों ने अपने अधिकारों पर चर्चा की। इस अवसर पर फेडरेशन की यूथ विंग का द्वितीय स्थापना दिवस तथा पूरे प्रदेश में आज फेडरेशन के अध्यक्ष सुनील यादव का जन्मदिन भी धूमधाम से मनाया गया।

फेडरेशन की केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा इस वर्ष का विषय “फार्मेसिस्टो को मिले प्राथमिक उपचार का प्रिस्क्रिप्शन राइट” निर्धारित किया गया था। कार्यक्रम में फार्मेसी व्यवसाय के महत्व को बढ़ाने, रोजगार सृजन सहित अनेक सामयिक बिंदुओं पर चर्चा की गयी और प्रस्ताव पारित कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। फेडरेशन के संयोजक केके सचान ने फार्मासिस्टों को लगातार अपग्रेड करने की बात कही। रिटायर विंग के अध्यक्ष जय सिंह सचान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, सचिव ओपी सिंह राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश सचिव डॉ पीके सिंह, जनपद अध्यक्ष सुभाष श्रीवास्तव, महामंत्री अशोक कुमार ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और सभी यूथ फार्मासिस्टों को लगातार सक्रिय रहकर संघर्ष करने का आह्वान किया।

फेडरेशन के उपाध्यक्ष देवेंद्र, संगठन मंत्री अफजल, मंडल अध्यक्ष अनिल दुबे ने बताया कि फार्मेसिस्टों की योग्यता के अनुसार कुछ अन्य राज्यों की भांति उत्तर प्रदेश में भी कुछ दवाएं लिखने का अधिकार दिया जाना उचित है, कई विकसित देशों में भी ऐसा प्रावधान किया गया है। इससे उन गांवों में, जहां योग्य चिकित्सकों का अभाव है, वहां मरीजों की प्राथमिक चिकित्सा कर सही सलाह दी जा सकेगी और दवाओं के कुप्रभाव, रोगों की विकरालता को रोककर जनहानि को रोका जा सकता है क्योंकि फार्मेसिस्टों को क्रूड ड्रग, शरीर क्रिया विज्ञान, फार्माकोलॉजी, विष विज्ञान, माइक्रोबायोलॉजी सहित फार्मास्युटिक्स, फार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री, हेल्थ एजुकेशन सहित विभिन्न विषयों का विस्तृत अध्ययन कराया जाता है। औषधि की खोज से लेकर, उसके निर्माण, भंडारण, प्रयोग, कुप्रभाव, दवा को ग्रहण करने, उसके पाचन, प्रभाव और उत्सर्जन (ADME) की पूरी जानकारी फार्मेसिस्ट को होती है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला चिकित्सालयों एवं महिला चिकित्सालयों को एक साथ मिलाकर उन्हें मेडिकल कॉलेज बनाये जाते समय वहां पर पूर्व से कार्यरत सभी कर्मचारियों को धीरे-धीरे कार्यमुक्त कर चिकित्सा स्वास्थ पदों का समायोजन ना होने से अनेक पद समाप्त हो जा रहे हैं, वहीं उच्च संवर्गीय पदोन्नति के पद भी समाप्त हो रहे हैं, जिससे पदोन्नतियां बाधित होंगी। फार्मासिस्ट संवर्ग में प्रभारी अधिकारी फार्मेसी के पद जिला चिकित्सालयों में ही सृजित है, वहीं चीफ फार्मेसिस्ट के ज्यादातर पदों को जिला और महिला चिकित्सालयों में स्थापित किया गया है, इन परिस्थितियों में यह सभी पद समाप्त हो जाएंगे, जिससे कार्मिक नीचे के पदों से ही सेवानिवृत्त होने लगेंगे ।
फेडरेशन ने अनुरोध किया है कि मेडिकल कॉलेज बनते समय जिला चिकित्सालय एवं महिला चिकित्सालय को संबद्ध चिकित्सालय का दर्जा दिया जाए एवं कार्मिकों को पूर्ववत बने रहने दिया जाए । यदि यह संभव नहीं हो पा रहा है तो कार्मिकों को कार्यमुक्त करते समय उन्हें पद सहित चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग में भेजा जाए जिससे उनका समायोजन तत्काल हो सके और कार्मिकों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

केंद्र सरकार की भांति उत्तर प्रदेश सरकार में फार्मेसिस्ट पद पर नियुक्ति हेतु न्यूनतम योग्यता ‘ डिप्लोमा इन फार्मेसी + 2 वर्ष का अनुभव या बैचलर फार्मेसी ‘ निर्धारित किए जाने, फार्मेसिस्ट की शैक्षिक योग्यता को देखते हुए नेशनल हेल्थ पॉलिसी के पैरा 3.3.1 और 11.4 के अनुसार सी एच ओ के पदों पर फार्मेसिस्टों की भी तैनाती किए जाने, वेटनरी फार्मेसिस्ट सेवा नियमावली प्रख्यापित कर शासनदेशानुसार फार्मेसिस्ट की नियुक्तियां किए जाने, आयुर्वेद की दवाओं के भंडारण वितरण के लिए भी फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता, दवा कंपनियों में केमिस्ट के पद पर केवल फार्मेसिस्ट की नियुक्तियां अनिवार्य किए जाने, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के लिए फार्मेसिस्ट को वरीयता, फार्मेसी शिक्षको का न्यूनतम वेतन निर्धारण सरकारी शिक्षको के समान करने, मेडिकल स्टोरों पर फार्मेसिस्ट का न्यूनतम मानदेय निर्धारित करने, लाखों बेरोजगार फार्मेसिस्टों के लिए रोजगार का सृजन करने के लिए मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया।

अधिकार दिवस के अवसर पर एक्स-रे टेक्निशियन संघ के अध्यक्ष राम मनोहर कुशवाहा महामंत्री दिलीप कुमार, आर के पी सिंह ने भी अपने विचार रखें अपने विचार रखे। जिले की समस्याओं पर विचार किया गया । जनपद की टीम ने निर्णय लिया कि स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर, ड्रग लाइसेंसिंग अथॉरिटी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिलाधिकारी ने नियमित संपर्क कर फार्मेसिस्ट की समस्याओं का समाधान कराया जाएगा।

कार्यक्रम को मुख्य रूप से डॉ हरद्वारी लाल राज, संविदा संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार महामंत्री रामशरण राहुल देव मौर्य अमरेश श्रीवास्तव अजीत यादव, डॉ शालिनी, आदि ने संबोधित किया

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