-ऑल इंडिया नर्सिंग फेडरेशन के अतिरिक्त महासचिव अशोक कुमार ने कहा, नर्सिंग सेवाओं का निजीकरण होगा आत्मघाती कदम


सेहत टाइम्स
लखनऊ। ऑल इंडिया गवर्नमेंट नर्सेज फेडरेशन (AIGNF) के अतिरिक्त महासचिव व राजकीय नर्सेस संघ उत्तर प्रदेश के महासचिव अशोक कुमार ने कहा है कि आवश्यक सेवाओं में निजीकरण की दखलंदाजी नागरिकों के लिए किस तरह की परेशानियां पैदा करती हैं, इसका ज्वलंत उदाहरण #Indigo इंडिगो एयरलाइन की सैकड़ों की तादात में रद होने वाली उड़ानें हैं, जिस कारण यात्रियों के महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हुए हैं, सोच कर देखिये जिस तरह जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहे मरीजों की सेवा करने वाली नर्सों की भर्ती में निजीकरण का प्रवेश कराया गया है और कराया जा रहा है, अगर कभी #Indigo इंडिगो एयरलाइन जैसी स्थिति नर्सिंग सेवा में आ गयी तो क्या होगा, यह सोच कर ही रूह कांप जाती है, त्राहि-त्राहि मच जायेगी। हमारी पुरजोर मांग है कि इंडिगो के मौजूदा घटनाक्रम से सीख लेते हुए सरकार नर्सिंग सेवाओं को प्राइवेट हाथों में न जाने दे, इसी में सभी की भलाई है।
अशोक कुमार ने कहा कि अस्पताल में भर्ती मरीज सेवा करते हुए सबसे ज्यादा समय उसके नजदीक रहने वाली नर्सों ने अपने दायित्व का निर्वहन करती हैं, और कोई भी इमरजेंसी, महामारी में भी ये उसी मुस्तैदी से ड्यूटी करती हैं, इसका अंदाजा कोविड काल में नर्सेां द्वारा किये गये कार्य से लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली में 5 दिसम्बर को हुई बैठक में जहां 8वें केंद्रीय वेतन आयोग पर चर्चा की गयी वहीं कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त नर्सिंग कर्मचारियों की पोस्टिंग पर भी चर्चा हुई। आगे चर्चा और कार्ययोजना के लिए आयोजित इस बैठक में 100 से भी अधिक केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय नर्सिंग संवर्ग के नेता केंद्रीय संस्थानों से उपस्थित हुए। इनमें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल, RML अस्पताल, कलावती और लेडी हार्डिंग अस्पताल, ESIC अस्पताल, रेलवे अस्पताल, PGI चंडीगढ़, AMU अलीगढ़, राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, CIP रांची, SGPGI लखनऊ सहित दिल्ली के अन्य कई अस्पतालों—MCD, NDMC, DDU, LNJP, CNH, BSA, CGHS, BMH, हिंदूराव, पटेल चेस्ट, आचार्य भिक्षु अस्पताल, वाल्मीकि अस्पताल, GTB, अरुणा आसफ़ अली, संजय गांधी अस्पताल, दीप चंद बंधु अस्पताल तथा दिल्ली के पब्लिक हेल्थ नर्सिंग ऑफिसर्स—के प्रतिनिधि शामिल थे।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश से राजकीय नर्सेस संघ उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष शर्ली भण्डारी, महासचिव अशोक कुमार, उपाध्यक्ष (भूतपूर्व) कौशल्या गौतम, कार्यकारिणी सदस्य बबिता गोस्वामी, डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ के अध्यक्ष अमित शर्मा, धर्मेंद्र सोनी, अमित कुमार इत्यादि के साथ ही उत्तराखण्ड, झारखंड और पंजाब राज्य के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
उन्होंने बताया कि बैठक में आठवें वेतन आयोग, संविदा वाली नर्सों की पोस्टिंग के साथ ही SIU Norms, पदोन्नति और DPC न होने की समस्या, स्वास्थ्य मंत्रालय (MOHFW) में बैठक न होना, विभिन्न अस्पतालों में कार्य एवं दायित्वों की समस्याएँ, क्लिनिकल सेटिंग और मंत्रालय में उच्च पदों की नियुक्ति, रेलवे नर्सेज से सम्बंधित मुद्दे, क्वालिफिकेशन पे अलाउंस, हर राज्य में नर्सिंग निदेशालय की स्थापना, संस्थानों व राज्यों के अन्य स्थानीय मुद्दों जैसे राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। आठवें वेतन आयोग को लेकर वेतन-भत्ता और अन्य मुद्दों पर विस्तृत ज्ञापन विभिन्न नेताओं द्वारा तैयार किया जाएगा।

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