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छिपे हुए 118 टीबी रोगियों का इलाज शुरू, 1770 लोगों को टीबी के संक्रमण से बचाया

10 जून से 22 जून तक कार्यदिवसों में चल रहा घर-घर जाकर टीबी मरीज खोजने का अभियान

लखनऊ। टीबी यानी क्षय रोग को लखनऊ से 2022 तक मिटाने के लिए एक बार फिर से मरीज खोजो अभियान सक्रिय टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है। इसलिए 10 जून से शुरू हुआ यह अभियान 22 जून तक दस कार्यदिवसों लखनऊ के स्‍लम एरिया, घनी आबादी, औद्योगिक क्षेत्रों में चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 118 छिपे हुए मरीजों की खोज की जा चुकी है। ये 118 लोग वे हैं जो टीबी से ग्रस्त हैं तथा जाने अनजाने कोई इलाज नहीं कर रहे थे। यानी ये मरीज अपने साथ ही साथ करीब 1770 दूसरे स्‍वस्‍थ लोगों के लिए भी खतरा थे, क्‍योंकि टीबी एक संक्रामक रोग है जिसके कीटाणु स्‍वस्‍थ मनुष्‍य के शरीर में प्रवेश करके उसे टीबी ग्रस्‍त कर देते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एक टीबी का मरीज की लापरवाही से 15 स्‍वस्‍थ लोगों को टीबी का रोग हो जाता है। अब इन मरीजों का इलाज शुरू कर दिया गया है तथा इन्‍हें बताया गया है कि किस तरह अहतियात बरतें जिससे दूसरों को संक्रमण न हो।

 

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पर आयोजित एक पत्रकार वार्ता में सीएमओ डॉक्टर नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि घर-घर टीबी के मरीज खोजने के अभियान में हमारी ढाई सौ टीमें लगी हुई हैं। उन्होंने बताया टीम में शामिल लोग घरों का दौरा कर यह खोजते हैं कि किस परिवार में व्‍यक्तियों में टीबी के लक्षण हैं, जिनमें टीबी के लक्षण पाये जाते हैं उनका बलगम टेस्ट किया जाता है।

 

जिला टीबी अधिकारी डॉ बीके सिंह ने बताया कि 4,30,000  की जनसंख्‍या में टीबी के लोगों को चिन्हित करने का लक्ष्‍य रखा गया है। उन्‍होंने बताया कि अब तक 1560  लोगों में टीबी के लक्षण पाये गये, इन लोगों का बलगम टेस्‍ट किया तो 118 लोगों में टीबी पॉजिटिव पायी गयी। इन सभी का इलाज शुरू कर दिया गया है तथा योजना के तहत टीबी रोगियों को 500 रुपये प्रतिमाह की धनराशि प्रदान की जा रही है।

 

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि भारत में टीबी की बात करें तो करीब 28 लाख लोग टीबी से ग्रस्‍त हैं। सीएमओ ने बताया पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम के तहत निजी चिकित्सक जो टीबी के मरीजों का इलाज कर रहे हैं, उन्हें इसका नोटिफि‍केशन सीएमओ कार्यालय में कराना अनिवार्य है, ऐसा न करने पर उनके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि जबसे अभियान शुरू हुआ है तब से निजी क्षेत्रों के चिकित्‍सकों द्वारा 1161  मरीजों के बारे में सूचना दी गई है।