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छोटी किंतु उपचार में महत्‍वपूर्ण बातों का दिया जा रहा प्रशिक्षण

केजीएमयू इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेज ने आयोजित की तीन दिवसीय कार्यशाला
पैरामेडिकल और नर्सिंग स्‍टाफ को दिया जायेगा लम्‍बे समय तक देखभाल करने संबंधी प्रशिक्षण

लखनऊ। मरीज के उपचार में वे छोटी-छोटी बातें जो दिखने और सुनने में भले ही छोटी हैं लेकिन हैं बहुत मूल्‍यवान, जिनका असर उपचार पर बहुत ज्‍यादा पड़ता है, ऐसी बातों को नर्सिंग एवं अन्‍य पैरामेडिकल स्‍टूडेंट्स को सिखाकर उन्‍हें दक्ष बनाने के लिए  किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के केजीएमयू इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेज द्वारा प्रथम  Palliative Care Skills कार्यशाला का उद्घाटन कलाम सेंटर में किया गया।

तीन दिवसीय यह कार्यशाला छह मॉड्यूल के अंतर्गत कराई जाएगी तथा एक मॉड्यूल में 24 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। प्रारम्भ में यह मॉड्यूल पैरामेडिकल विद्यार्थियों में कराई जाएगी तथा इसके बाद नर्सिंग एंव अन्य विद्याओं के विद्यार्थियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम का उद्घाटन डीन,  इंस्टीट्यूट ऑफ पैरा मेडिकल साइंसेज डॉ विनोद जैन द्वारा किया गया,  अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि ऐसे मरीज जो अपनी देखभाल स्वयं करने में लाचार हैं और बहुत दिनों तक चिकित्सालय में भर्ती नहीं रह सकते, उनको उचित देखभाल की अत्यंत आवश्यकता होती है। इसके लिए पैरामेडिकल कर्मी और नर्सों का प्रशिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। डॉ जैन ने कहा कि उदाहरण के तौर पर जैसे रोगी के घाव,  मुंह की देखभाल,  कृत्रिम सांस नली की देखभाल,  चेस्ट ट्यूब की देखभाल,  मूत्र नली की देखभाल,  खानपान की नली आदि की देखभाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

डॉ विनोद जैन ने बताया कि केजीएमयू द्वारा यह अनूठा प्रयास इसलिए किया जा रहा है कि अधिक से अधिक केजीएमयू नर्सिंग, पैरामेडिकल कर्मी एवं मेडिकल विद्यार्थियों को ऐसे लाचार रोगियों की सेवा करने का मौका मिले एवं यह ज्ञान वह अन्य लोगों में बांट सकें।

इस कार्यक्रम में एनेस्‍थीसिया विभाग एवं क्रिटिकल विभाग की प्रो0 सरिता सिंह एवं उनकी टीम द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम का संयोजन दुर्गा गिरि,  राघवेंद्र एवं वीनू दुबे द्वारा किया गया।