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जिनको अपनों ने ठुकराया, उन्हें ‘लैप्रोसी मैन’ ने गले लगाया, शिविर का मुख्य अतिथि बनाया

-कुष्ठ और सफ़ेद दाग के रोगियों की पहचान के लिए मोहनलालगंज में आयोजित हुआ मेगा कैम्प

सेहत टाइम्स

लखनऊ। जिन्हें कुष्ठ रोग के चलते उनके अपनों ने ही अलग कर दिया, उन्हें चर्म रोगों के लिए आयोजित निःशुल्क मेगा कैंप में मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि बनाकर लेप्रोसी मैन के नाम से मशहूर हो रहे डॉ विवेक कुमार ने सादगी, सेवा और समभाव की एक मिसाल पेश की। मदर टेरेसा लेप्रोसी रिहैबिलिटेशन सेंटर पर रहने वाले मरीज सुनील, तुलसी और आज़ाद मोहम्मद को पुष्प गुच्छ देकर डॉ विवेक ने सम्मानित किया। इस कैंप का आयोजन सद्भावना सोसाइटी के तत्वावधान में सोमवार 11 मार्च को मोहनलाल गंज के ज्योति नगर स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी मदर टेरेसा लेप्रोसी रिहैबिलिटेशन सेंटर पर किया गया। शिविर में 100 रोगियों को निःशुल्क परामर्श के साथ दवाएं भी प्रदान की गयीं। शिविर में आये सभी मरीजों को अल्पाहार भी दिया गया। शिविर में हीमोग्लोबिन और ब्लड शुगर की मुफ्त जांच सुकृति पैथोलॉजी के सौजन्य से की गयी।

सप्ताह में दो दिन निःशुल्क ओपीडी का संचालन

ज्ञात हो कि अपने पिता पद्मश्री डॉ राम कृष्ण से समाज सेवा का पाठ सीखने वाले वरिष्ठ चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ विवेक कुमार पिछले 34 वर्षों से कुष्ठ रोगियों की सेवा में जुटे हुए हैं, और इस सेंटर पर सप्ताह में 2 दिन त्वचा रोगों की निःशुल्क ओपीडी संचालित करते हैं, जिनमे प्रति सप्ताह 80 रोगियों को देखते हैं, सामान्य त्वचा रोगों की इस ओपीडी में ही लैप्रोसी के रोगियों की पहचान हो जाती है। डॉ विवेक इन दोनों दिन आयोजित ओपीडी के अतिरिक्त इस लेप्रोसी रिहैबिलिटेशन सेंटर में भर्ती कुष्ठ रोगियों को भी देखकर मुफ्त चिकित्सीय परामर्श देते हैं।

डॉ विवेक कुमार ने बताया कि ओपीडी के अलावा वर्ष में दो बार मेगा शिविरों का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में आज का शिविर आयोजित किया गया। अगला मेगा शिविर आगामी अक्टूबर माह में आयोजित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि मेगा शिविर के आयोजन की सूचना तेलीबाग से लेकर बछरावां तक प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर कैंप के आयोजन की सूचना का प्रचार-प्रसार करवाते हैं। इसमें विभिन्न त्वचा रोगों जैसे कुष्ठ रोग, खुजली, दाद, सफ़ेद दाग, पित्ती, मुहांसे, सेहुंआ, झाइयां, घमौरियां, एलर्जी, फोड़े-फुंसी, बाल गिरना व नाखून की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को शिविर में आने की अपील की गयी थी। डॉ विवेक बताते हैं कि ओपीडी और शिविरों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य है कि कुष्ठ रोगियों को चिन्हित कर प्रारम्भिक अवस्था में ही उपचार किया जा सके, क्योंकि लम्बे समय तक इलाज न किया जाये तो उंगलियां गल कर गिर जाती हैं और आंखों की रौशनी भी जा सकती है।

छोटे विटिलिगो के दाग की सर्जरी मुफ्त

उन्होंने बयाया कि कुष्ठ रोग के अलावा हम लोग सफ़ेद दाग (विटिलिगो) के मिशन विटिलिगो भी चला रहें हैं, जिसके तहत छोटे दागों को ठीक करने के लिए की जाने वाली सर्जरी निःशुल्क कराते हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से सफ़ेद दाग ऐसे होते हैं जिनमे रंग आना बंद हो जाता है, ऐसे दागों को सर्जरी कर ठीक किया जा सकता है। डॉ विवेक बताते हैं कि दरअसल सफ़ेद दाग को लेकर समाज में बहुत सी गलत धारणाएं व्याप्त हैं। इन्हीं धारणाओं के चलते शादियां नहीं होती हैं। अपने प्रति लोगों के हाव-भाव को देखकर विटिलिगो के मरीज खुद को उपेक्षित समझते हैं। उन्होंने बताया कि इसीलिए हमने पिछले वर्ष से मिशन विटिलिगो भी प्रारम्भ किया है।

शिविर की व्यवस्था ऐसी की गयी थी कि लोगों में किसी प्रकार की अफरा-तफरी न पैदा हो। पंजीकरण के बाद निर्धारित फॉर्म पर मरीज की हिस्ट्री लिखने के लिए तीन हेल्प डेस्क बनायीं गयीं थीं। इसके बाद एक-एक मरीज को डॉक्टर के पास लाना, फिर दवा वितरण डेस्क से दवा दिलाना, इसके बाद मिली हुई दवा को पास ही बने काउंटर पर चेक किया जा रहा था, इसके बाद मरीज को स्वल्पाहार का पैकेट देने की व्यवस्था की गयी थी।

पति डॉ विवेक कुमार द्वारा किये जा रहे इस पुनीत कार्य में कंधे से कन्धा मिलाकर चलने वाली ममता कुमार ने शिविर के संचालन की व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाली। उनके अलावा रूपांकर, यश, भरत, दीपा, अनुज, अनिल शर्मा, प्रकाश, सुधीर मिश्रा, सुकृति पैथोलॉजी से आये साहेब सहित अन्य लोगों ने शिविर के आयोजन में सक्रिय सहयोग दिया।

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