-केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में योगी आदित्यनाथ हुए मुख्य अतिथि के रूप में शामिल
-प्रतिभाशाली आठ फैकल्टी और 66 छात्र-छात्राओं को किया गया सम्मानित
सेहत टाइम्स
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि चुनौती को स्वीकार करने वाला ही निखरता है और चुनौती से भागने वाला बिखर जाता है। वक्त सबका आता है, कोई निखरता है, कोई बिखरता है। किसी व्यक्ति हो या संस्था, उसकी पहचान संकट के समय होती है, साधारण दिनों में तो कोई भी काम कर सकता है जब कोई चुनौती आती है तब उससे निपटने वाले की पहचान होती है।
मुख्यमंत्री ने केजीएमयू को 120 वर्ष की शानदार यात्रा के लिए बधाई दी। यहां से निकले छात्रों ने जो परिश्रम किया वह सराहनीय है। 1905 में 10 लाख 75 हजार 806 रुपये से तैयार हुआ यह चिकित्सा संस्थान आज अग्रणी चिकित्सा संस्थानों में अपना नाम कर रहा है। उन्होंने कहा कि 120 सालों में केजीएमयू ने महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य जरूर प्राप्त किया है, आज के समारोह में मैंने देखा कि 85 फीसदी बालिकाओं ने मेडल जीते हैं, उन सभी को मैं हृदय से शुभकामनाएं देता हूं। मुख्यमंत्री ने आज 66 विद्यार्थियों को मेडल प्रदान किये इनमें 53 छात्राएं और 13 छात्र शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन से संस्थान ने जो भी मांगा वह दिया, कमी नहीं होने दी, काम आपको करना है। वर्तमान के साथ हमें भविष्य के 100 सालों की योजना को तैयार करके आगे बढ़ना होता है। उन्होंने कहा कि सदी की सबसे विषम स्थिति कोरोना के समय हमने देखा कि केजीएमयू ने हमेशा आगे बढ़कर इस चुनौती से निपटने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सरकार की मंशा के अनुरूप अपनी जिम्मेदारी निभायी। उस दौरान कई बार मुझे निरीक्षण के दौरान यहां की व्यवस्था देखने का मौका मिला था। उन्होंने कहा कि उस दौरान जब कोरोना की दस्तक सुनी गयी और लॉकडाउन लगाने की योजना बन रही थी तभी प्रदेश का एक मेडिकल संस्थान ऐसा भी देखा गया जहां के कुछ चिकित्सकों ने खुद को क्वारेंटाइन कर लिया, मैं भौचक था, तो मैंने उन चिकित्सकों की जांच के लिए टीम को भेजा, आप ताज्जुब करेंगे कि उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया, दूसरा सैम्पल लिया निगेटिव आया तीसरा भी निगेटिव आया, तो मैंने कहा कि चौथी बार अब मैं ही इन्हें ही निगेटिव करूंगा, और मैंने उनको निलम्बित कर दिया। बाद में उनकी बहाली के लिए बहुत दबाव बनाया गया लेकिन मैंने कहा कि जब तक कोविड पूरी तरह समाप्त नहीं हो जायेगा, इन्हें बहाल नहीं करेंगे।
योगी आदित्यनाथ ने मेडिकल क्षेत्र में तकनीक के सहयोग से कार्य करने के बार में कहा कि केजीएमयू और आईआईटी के बीच एक एमओयू हो चुका है कि हम लोग मिलकर कार्य करेंगे, लेकिन हमें चाहिये कि केजीएमयू, एसजीपीजीआई, जैसे मेडिकल संस्थान और आईआईटी, एकेटीयू जैसे टेक्निकल संस्थान एकसाथ मिलकर कार्य करेंगे तो इसके परिणाम बहुत बेहतर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि मिलकर कार्य करने में हम पीछे हैं, इस सम्बन्ध में उन्होंने एक किस्से का जिक्र करते हुए कहा कि मुझसे एक यूएस के डॉक्टर मिलने आये थे, वह कार्डियोलॉजिस्ट थे, उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने कानपुर आईआईटी से बीटेक किया है तो मैं चौंका कि फिर आप कार्डियोलॉजिस्ट कैसे बन गये, तो उन्होंने कहा कि कार्डियोलॉजी की डिग्री मैंने यूएस से हासिल की है, वहां यह नियम है कि बैचलर की डिग्री के बाद आपके पास यह विकल्प होता है कि आगे की पढ़ाई आप किस फील्ड में करना चाहते हैं, इसलिए मैं वहां गया और मैंने इस फील्ड को चुना, आज मैं सफल कार्डियोलॉजिस्ट हूं। उन्होंंने कहा कि अब सोचिये कि यह आज से 25-30 वर्ष पहले की बात है, और हम आज मेडिकल और टेक्निक को जोड़ने के बारे में बात कर रहे हैं, इससे पता चलता है कि हम कितने पीछे हैं, हमें तेजी के साथ आगे बढ़ने की आदत डालनी होगी। अभी हमने लीकेजेज को रोका है भ्रष्टाचार पर प्रहार किया है लेकिन जनता से जुड़े मुद्दों पर प्रदेश के संस्थानों को हम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि चुनौती है कि केजीएमयू की ओपीडी में आने वाले साधारण और गंभीर रोगों वाले मरीजों की कैसे हम स्क्रीनिंग करें। क्या ऐसा हो सकता है कि केजीएमयू आने वाले साधारण रोगों वाले मरीजों के लिए अलग और सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सा की आवश्यकता वाले मरीजों के लिए अलग कैम्पस देकर व्यवस्था कर सकते हैं, इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। आजकल मरीज के पास उपचार के लिए पैसे की कमी नहीं है, उन्होंने कहा कि कुलपति ने मेरे सामने जो आंकड़े रखे हैं उसके अनुसार केजीएमयू में आयुष्मान भारत में 12102 मरीजों और दीनदयाल उपाध्याय कैशलेस योजना, जो सरकार कर्मचारियों के लिए है, में 681 मरीजों को इसका लाभ दिया गया है, असाध्य रोगों के लिए भी 2644 और अन्य योजना से 4772 मरीजों का इलाज किया गया।
उन्होंने कहा कि आजकल दिनचर्या खराब हो गयी है, लोेगों के पास अपने लिए समय नहीं है। आने वाले समय में स्मार्टफोन और बीमार करेगा, मानसिक रोग का और विस्तार होगा तो ऐसे में उन चुनौतियों से निपटने के लिए अभी से तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्मार्टफोन से बचाने की आवश्यकता है। योगी ने कहा कि एक सफल डॉक्टर की सबसे बड़ी पूंजी संवेदना होती है। डॉक्टर के साथ ही नर्सिंग व पैरामेडिकल कर्मियों का व्यवहार भी अच्छा होना चाहिये। इस संवेदना को बनाये रखने के लिए हमें प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि केजीएमयू अगले पांच वर्षों में अपने 125 साल पूरे करेगा, हम लोगों को देखना होगा कि उस समय इसका रैंकिंग में क्या स्थान होगा। देश-दुनिया में फैले हुए केजीएमयू के पुरातन छात्रों को बुलाया जाना चाहिये, उनका योगदान संस्थान में कैसे हो सकता है, इस पर विचार करना चाहिये। मुख्यमंत्री ने सर्जरी की वेटिंग कम किये जाने, अंगदान के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
मरीजों की भीड़ को व्यवस्थित करने के तरीके बताये आईआईटी
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि केजीएमयू के इतिहास बहुत गौरवशाली है, मेरे विचार से चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में पुस्तक लिखी जाये तो बगैर केजीएमयू के पूरी नहीं होगी। अभी भी दुनिया में कोई चिकित्सा के कार्यक्रम होते हैं तो कोई न कोई जॉर्जियन इसे लीड कर रहा होता है, ऐसा मैं समाचार पत्र आदि के माध्यम से देखता रहता हूूं। हमारी सरकार आपके साथ खड़ी है। जब भी जो मांग की उसे दिया है। मरीज को टरशरी केयर देने में आपने बहुत अच्छा कार्य किया है, आज भी गरीब मरीजों को अच्छा इलाज मिलता है। उन्होंने कहा कि मरीजों की बढ़ती भीड़ को अच्छे से व्यवस्थित करने के लिए आईआईटी कानपुर के निदेशक से भी मैंने कहा कि भीड़ प्रबंधन के कुछ तरीके हमें बतायें। प्रतिदिन हमारी ओपीडी, ट्रॉमा सेंटर में बहुत भीड़ रहती है। जेआर, एसआर के लिए कोई प्रबोधन कार्यक्रम चले जो सबके लिए उदाहरण बने। उन्होंने कहा कि आईआईटी के साथ तो हम एक बड़ा कार्य करने जा रहे हैं, आईआईटी कानपुर में उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से अलग से चिकित्सकों के लिए अस्पताल खोलने की योजना है, वहां के जो चिकित्सक जो ट्रेंड होंगे व इलाज करेंगे वह एक फॉमॅॅूला तैयार होगा कि समूचे प्रदेश में चिकित्सक कैसे कार्य करेंगे। मुझे आशा है कि आईआईटी जल्दी ही इस कार्य को शुरू कर पायेगा।
अंग्रेजों का एक भी पैसा नहीं लगा केजीएमयू बनाने में
राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि केजीएमयू के बनाने में खर्च हुए पैसों में एक भी पैसा अंग्रेेजों का नहीं लगा था। हम सबको इतिहास जानने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि जितने मरीज केजीएमयू में इस साल देखे गये हैं, अगले साल दोगुने मरीज देखे जायें।
आईआईटी कानपुर में खुलेगा मेडिकल स्कूल
इससे पूर्व आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो महेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस टेक्नोलॉजी से चिकित्सा क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण लाभ दिख रहे हैं पहला रोबोटिक सर्जरी में इसका योगदान होगा दूसरा मेडिकल डाटा जो बड़ी संख्या में उपलब्ध है उसका विश्लेशण कर निष्कर्ष व दिशायें ढूंढ़ी जा सकती है, इसका बहुत लाभ मरीजों को हो सकता है। छोटे-छोटे बहुत से रोगों के लिए अस्पताल आने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, घर पर बैठे ऐप के द्वारा सलाह मिल सके। इसके अतिरिक्त एआई को उपयोग डायग्नोसिस के क्षेत्र में किया जा सकता है, जैसे एक्सरे पढ़ना, अल्ट्रासाउन्ड को पढ़ना की दिशा में एआई का बहुत बड़ा योगदान होने वाला है। आईआईटी कानपुर में जल्दी ही एक मेडिकल स्कूल का शुभारम्भ होगा, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 90 करोड़ दिये हैं, इस स्कूल का उद्देेश्य टेक्नोलॉजी और मेडिसिन दोनों विधाओं को समझें, क्योंकि आने वाले समय में इन दोनों विधाओं की बहुत आवश्यकता पड़ेगी।
इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत में केजीएमयू की कुलपति प्रो सोनिया नित्यानंद ने आये हुए अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की एक साल की प्रगति का विवरण रखा। समारोह में केजीएमयू के आठ चिकित्सकों सम्मानित किया गया, इनमें डॉ माला कुमार, प्रो आरके गर्ग, प्रो एसके द्विवेदी, डॉ शादाब मोहम्मद, प्रो अमिता जैन, प्रो उमा शंकर सिंह, प्रो विवेक सिंह शामिल हैं। इसके अतिरिक्त केजीएमयू के 66 प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित कर संस्थान द्वारा तैयार नियमावली पुस्तक का विमोचन किया। जिन छात्र-छात्राओं को मेडल प्रदान किये गये उनमें अंशिका खन्ना, पूर्वी गुप्ता, फिजा अख्तर, आयेष खान, निमिष कुमार, वैशाली यादव, फौजिया इशरत, अनुभूति, अविरल मिश्रा, प्राची राणा, महक नईम, आर्यन, माणिक्य वर्मा, सीमा रानी, मबत अजाज, शाश्वत अग्रवाल, प्रेरणा जोशी, रिया वार्ष्णेय, निधि सिंह, चारुल उत्तम, दीप्ति शर्मा, वैष्णवी जायसवाल, अंजली कुमारी, आकृति मिश्रा, अंशिका बाजपेई, खुशी गुप्ता, चैतन्य मिगलानी, रियान अहमद खान, इशिका देशपांडे, ऋषि राज, नबा अहमद, संजीवनी, मोनिका चौधरी, ऋषभ पांडे, संजना श्रीवास्तव, अनुष्का पांडे, अनुषा अग्रवाल, श्रुति बाजपेई, शिवांगी सिंह, उम्मे अम्मारा, साएमा खातून, बॉबी पटेल, साक्षी, आयुषी जैन, शिवांगी दुबे, अभिलाषा घोष, मानसी सिंह, श्रेया सिंह, अमृतांशु सिंघल, एकता, रूपाली जायसवाल, नव्या मेहरोत्रा, महजबीन, अदिति भारद्वाज, आलिया आलम, काशिफा, निवेदिता चंदा, श्रेया सिंह, मानसी लकड़ा, आयुषी मिश्रा, पलक सिंह, डॉक्टर सायन मुखर्जी, डॉक्टर शिवानी चतुर्वेदी, ग्रेटी दवास, रिद्धि सिंगल और श्रद्धा सिंह शामिल हैं। आज के कार्यक्रम में प्रति कुलपति प्रो अपजित कौर, डीन संकाय प्रो अमिता जैन सहित सभी फैकल्टी, छात्र-छात्राएं शामिल रहीं।