-दो पालियों में हो रहा है बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। कल रविवार 9 अगस्त को होने वाली बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा का इस कोरोना काल में आयोजन पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा। क्योंकि दो गज की दूरी और मास्क जरूरी का पालन करवाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। सड़कों पर इस आदेश की धज्जियां उड़ते कभी भी देखा जा सकता है। अब जब लाखों परीक्षार्थी इसमें शामिल होने के लिए सड़कों पर होंगे तो इस पर निगरानी रखना आसान नहीं है। जब कोविड काल नहीं था, तभी इस तरह की परीक्षाओं के आयोजन के दिन भीड़ को नियंत्रित करना आसान नहीं होता था, तो ऐसे में अब कोविड काल में इसे कैसे नियंत्रित किया जायेगा यह तो वक्त ही बतायेगा।
इस वर्ष यूपी बीएड 2020 की प्रवेश परीक्षा लखनऊ विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही है। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने 2020-22 सत्र में बीएड में एडमिशन के लिए बी एड ऑनलाइन फॉर्म की बिक्री 14 फरवरी 2020 से शुरू की गयी थी और आवेदन करने की अंतिम तिथि 11 मार्च 2020 निर्धारित की गयी थी। पहले यह परीक्षा 29 जुलाई को होनी थी, जिसकी तारीख बाद में 9 अगस्त की गयी है। परीक्षा दो पालियों में सुबह 9 बजे से 12 बजे तक और अपरान्ह 2 बजे से सायं 5 बजे तक आयोजित की जायेगी।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए परीक्षा से पहले ही सभी केंद्रों पर परीक्षा कक्षों को सैनिटाइज किया जाएगा। सभी के लिए सैनिटाइजर और मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा। मास्क और सैनिटाइजर अभ्यर्थियों को ही करनी है। प्रत्येक केंद्र पर अभ्यर्थियों की फोटो और वीडियोग्राफी भी होगी। सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
अपर पुलिस उपायुक्त यातायात प्रथम लखनऊ सुरेश चंद्र रावत के अनुसार कल आयोजित होने वाली इस प्रवेश परीक्षा को देखते हुए 8 अगस्त और 9 अगस्त को लॉक डाउन की अवधि में भी समस्त टेंपो, टैक्सी, ओला, उबर, प्राइवेट एवं सरकारी बसों के संचालन की अनुमति प्रदान की गई है।
सवाल यह उठता है कि परीक्षा केन्द्रों में बैठने की व्यवस्था तो प्रशासन ने इसी प्रकार बनायी होगी कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो लेकिन सड़कों, बसों, टैम्पो, ओला, उबर जैसे सार्वजनिक वाहनों में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना एक बड़ी चुनौती है। क्योंकि आमतौर पर यह देखा जा रहा है कि सड़क पर निकलने वाले अधिकतर लोगों ने तो मानो तय कर रखा है कि उन्हें मास्क नहीं लगाना है, लगाना है तो ठीक से नहीं लगाना है, शारीरिक दूरी का भी खयाल एक तरफ है।
यह हाल तब है जब कोविड-19 प्रोटोकाल उल्लंघन पर अब तक लखनऊ में 7508 लोगों पर 28,04,549 रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है। इसका अर्थ यह है कि मास्क और शारीरिक दूरी की सख्ती को लेकर और सघन तरीके से अभियान चलाने की जरूरत है।