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वाल्‍मीकि रामायण में दिये नैतिक व सामाजिक मूल्‍यों की आज के समय में आवश्‍यकता

-वाल्मीकि जयंती पर रामायण के नैतिक व सामाजिक मूल्यों पर व्याख्यान का आयोजन

लखनऊ। उन्होंने बताया कि रामायण में उल्लिखित नैतिक और सामाजिक मूल्यों की आवश्यकता आज के युग में अत्यंत समीचीन प्रतीत होती है क्योंकि रचना धर्मिता के आधार पर ही नहीं वरन सामाजिक मूल्यों के प्रतिपादन के आधार पर भी महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण एक कालजयी रचना है।

यह विचार जूम मंच के माध्‍यम से नवयुग कन्या महाविद्यालय, लखनऊ की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ तिवारी ने वाल्मीकि जयंती के अवसर पर “वर्तमान परिप्रेक्ष्य में रामायणकालीन नैतिक व सामाजिक व्यवस्था की प्रासंगिकता” विषय पर आयोजित व्‍याख्‍यान में मुख्‍य वक्‍ता के रूप में व्‍यक्‍त किये। व्‍याख्‍यान का आयोजन आज 31 अक्‍टूबर को महाराजा बिजली पासी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, आशियाना, लखनऊ के संस्कृत विभाग के तत्वावधान में किया गया था। महाविद्यालय के प्राचार्य मुहम्मद तारिक और विभागाध्यक्ष डॉ0 उमा सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम का प्रारंभ छात्रा अर्चना यादव द्वारा लौकिक मंगलाचरण और कार्यक्रम संयोजिका डॉ0 उमा सिंह द्वारा विषय वस्तु के निरूपण के साथ हुआ। प्राचार्य मुहम्मद तारिक ने मुख्य वक्ता  का स्वागत करते हुए विषय वस्तु को अत्यंत महत्वपूर्ण और मानवीय समाज के लिए प्रेरणास्पर्शी बताया।

डॉ0 रीता तिवारी ने विभिन्न पात्रों के गुण-दोषों का निरूपण करते हुए विस्तार से नैतिक और सामाजिक मूल्यों और उनकी वर्तमान में प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे। रामायण का प्रत्येक पात्र चाहे वह धर्म की पक्ष में रहा हो या अधर्म के साथ खड़ा रहा हो, वह किसी न किसी रूप में मनुष्य जीवन का पाठ पढ़ाते हैं क्योंकि सच का महत्व असत्य की उपस्थिति में ही परिलक्षित होता है। प्रकाश की उपयोगिता अंधकार के वातावरण में ही समझ में आती है। यह रचना निसंदेह अपने पाठकों के समक्ष अच्छा और बुरा दोनों प्रस्तुत करती है, यह हम पर निर्भर करता है कि हम किस का चयन करें।

कार्यक्रम के अंत में डॉ0 उमा सिंह, विभागाध्यक्ष संस्कृत विभाग द्वारा मुख्य वक्ता, प्राचार्य, महाविद्यालय के प्राध्यापकों और आभासी मंच से जुड़े सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया और छात्रा तान्या कनौजिया द्वारा शांति पाठ किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त अध्यापक और छात्र-छात्राएं जूम आभासी मंच जुड़े रहे।