Saturday , April 20 2024

कार्डियोलॉजिस्‍ट ने कहा, अगर जाना ही है जिम, तो इन बातों का रखें ध्‍यान

-बॉलीवुड से लगातार आ रही अप्रिय खबरों के मद्देनजर ‘सेहत टाइम्‍स’ ने की कार्डियोलॉजिस्‍ट प्रो भुवन तिवारी से खास बातचीत

डॉ भुवन तिवारी

धर्मेन्‍द्र सक्‍सेना

लखनऊ। आज शुक्रवार 11 नवम्‍बर को एक और टीवी एक्‍टर सिद्धार्थ वीर सूर्यवंशी की हार्ट अटैक से मृत्‍यु होने का समाचार मिला। बताया जाता है कि 46 वर्षीय सिद्धार्थ को जब हार्ट अटैक आया उस समय वे जिम में वर्कआउट कर रहे थे। इससे पूर्व हास्‍य कलाकार 58 वर्षीय राजू श्रीवास्‍तव और 40 वर्षीय सिद्धार्थ शुक्‍ला की मौत भी जिम में वर्कआउट करने के दौरान दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। इसके अतिरिक्‍त दक्षिण भारत की फि‍ल्‍मों के हीरो 46 वर्षीय पुनीत राजकुमार की हार्ट अटैक से और 53 वर्षीय गायक केके की मौत भी कार्डियेक अरेस्‍ट होने से हुई थी।

इन सभी समाचारों के मद्देनजर ‘सेहत टाइम्‍स’ ने जागरूक मीडिया का दायित्‍व निभाते हुए यहां गोमती नगर स्थित डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्‍थान के हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो भुवन तिवारी से खास बात की।

शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए वॉकिंग, योगा, मेडिटेशन है सर्वोत्‍तम

डॉ भुवन तिवारी कहते हैं कि जिम जाने का मुख्‍य उद्देश्‍य होना चाहिये फि‍ट रहना। उन्‍होंने कहा कि जिन लोगों का जिम जाने का उद्देश्‍य हेल्‍थ बनाना, फि‍ट रहना होता है, उनके लिए यह जरूरी नहीं है कि वे जिम जायें, उन्‍हें चाहिये कि वे सुबह शाम पार्क आदि में वाक करें। जिन लोगों के पास ड्यूटी या किसी अन्‍य वजहों से सुब‍ह शाम का समय नहीं है, वे अपने ऑफि‍स या कहीं अन्‍य जिम ज्‍वॉइन कर सकते हैं, लेकिन महत्‍वपूर्ण बात यह है कि ट्रेन्‍ड कोच के गाइडेंस में रहें और अपनी हेल्‍थ के अनुसार कार्डियो, एरोबिक एक्‍सरसाइज करें।

स्‍ट्रॉयड मिश्रित फूड सप्‍लीमेंट करता है मसल्‍स और हार्ट को कमजोर

डॉ भुवन ने बताया कि जैसे किसी को अपना हार्ट सुरक्षित रखना है और जोड़ों पर ज्‍यादा जोर न पड़े, तो ऐसे लोग कार्डियो फि‍टनेस वाली एक्‍सरसाइज जैसे ट्रेड मिल आदि करें। उन्‍होंने बताया कि कुछ लोग जो फि‍ट हैं, स्‍वस्‍थ हैं कोई बीमारी नहीं है लेकिन वे अपनी मसल बनाने के लिए जिम जाते हैं, जिनमें ज्‍यादातर 15 से 25 साल की आयु के लड़के होते हैं। ऐसे लोग मसल ज्‍यादा बन जाये, दिखाने के चक्‍कर में ज्‍यादा वेट लेकर ओवर जिम कर लेते हैं, यही नहीं कुछ लोग ज्‍यादा ही मसल दिखाने के चक्‍कर में डाइट सप्‍लीमेंट भी ले लेते हैं, उनमें कई बार स्‍टेरॉयड्स भी होते हैं जिससे मसल्‍स दिखने में तो फूल सी जाती हैं लेकिन अंदर ही अंदर वे मसल्‍स और हार्ट को कमजोर करते हैं।

कोच की गाइडेंस जरूरी

उन्‍होंने सलाह दी कि जो लोग फि‍टनेस के लिए जिम जाना जाते हैं कि वे मसल टोनअप के लिए कोच की गाइडेंस में मिनिमल वेट्स करें जिससे आपको ओवर एक्‍जरशन न हों, अपनी डाइट का ध्‍यान रखें, ऐसी डाइट लें जिसमें पौष्टिकता हो जैसे फल, सब्जियां, दालें, मांसाहारी लोग अंडा या चिकन ले सकते हैं, अंडे में पीला भाग ज्‍यादा न लें, इसके अतिरिक्‍त मांसाहारी व्‍यक्ति मटन या रेड मीट को न लें।

ट्रेड मिल पर रफ्तार जरूरत से ज्‍यादा न बढ़ायें

उन्‍होंने कहा कि ट्रेड मिल पर रफ्तार उतनी ही रखें जिनमें आपके जोड़ों (ज्‍वॉइंट्स) को नुकसान न पहुंचे। जहां तक हो सके प्‍लेन पर करें, एंगल इन्‍क्‍लीनेशन पर करने से एक लिमिट के बाद ज्‍वाइंट्स खराब होने का डर रहता है। उन्‍होंने कहा कि शुरुआत तो यह पता नहीं चलता है लेकिन उम्र बढ़ने के बाद ज्‍वाइंट्स में दिक्‍कतें होनी शुरू होती है इसलिए ट्रेड मिल उतना ही करें जितना करने में ज्‍वाइंट्स खराब न हों। यानी हर चीज का बैलेंस रखना जरूरी है।

योगा, वॉकिंग देगा दीर्घकालीन लाभ

डॉ भुवन ने कहा कि अच्‍छे स्‍वास्‍थ्‍य के लिए सबसे आसान और बिना पैसा खर्च किये घर के आसपास पार्क में प्‍लेन वॉक करें, योगा और मेडिटेशन करें जो लम्‍बे समय तक फायदा देगा। उन्‍होंने कहा कि यह फायदा भले ही धीरे-धीरे देगा लेकिन नुकसान नहीं होगा, यह पक्‍का है। योगा, मेडिटेशन को अपने जीवन में ढालें क्‍योंकि वह तीन-चार दिन का नहीं है, जिम कोई चार माह में कोई छह माह में छोड़ देता है, इससे फायदा नहीं है, जबकि योगा, वॉकिंग एक लाइफ स्‍टाइल है, जिन्‍दगी भर आपको स्‍वस्‍थ रहना है, फि‍ट रहना है, रोगों से दूर रहना है तो इसके लिए आपको योगा और वॉक करना होगा। उन्‍होंने कहा कि मेरी ये लोगों से अपील है कि जब आप लोग अपने शरीर को बनाने के लिए इतना कुछ करने को तैयार है तो धूम्रपान बिल्‍कुल न करें क्‍योंकि अचानक हार्ट अटैक आने का यह एक बड़ा कारण है, धूम्रपान से निकोटिन बढ़ती है जो कि दिल के लिए नुकसानदायक है, युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक का एक प्रमुख कारण धूम्रपान और तम्‍बाकू का सेवन है, इसलिए हार्ट अटैक की बढ़ रही घटनाओं से घबराना नहीं बल्कि सबक लेना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Time limit is exhausted. Please reload the CAPTCHA.