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सिर्फ जीत नहीं, सुधार लाने के लिए भी प्रेरित करना चाहिये किशोरों को

-किशोरों में बढ़ती आत्महत्या की प्रवृत्ति पर वेबिनार का आयोजन

सेहत टाइम्स

लखनऊ। पीडियाट्रीशियन व डाइरेक्टर राजेश्वरी हेल्थ केयर लखनऊ डॉ निरुपमा मिश्रा ने कहा है कि आंकड़े बताते हैं कि किशोरों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है।किशोरों में बढ़ते आत्महत्या के मामलों को रोकने के लिए अभिभावकों के साथ स्कूलों में भी जरूरी बदलाव लाने की आवश्यकता है। बच्चों को सिर्फ जीतने के लिए प्रेरित करने के बजाय उन्हें अपने आप को निरंतर सुधारने पर बल दिया जाना चाहिए।

डॉ निरुपमा ने यह बात 7 दिसम्बर को इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स की वूमन्स विंग की‌ प्रोफेसर हिमाबिंदु सिंह द्वारा आयोजित वेबिनार में कही। वेबिनार में विशेषज्ञ डाक्टरों ने आधुनिक परिवेश में बच्चों और अभिभावकों की चुनौतियों और उसके समाधान पर चर्चा की। इसमें डा निरुपमा मिश्रा भी पैनल डिस्कशन में आमंत्रित रहीं। उन्होंने आज के प्रतिस्पर्धा वाले युग में किशोर पीढ़ी में बढ़ते अवसाद पर चर्चा करते हुए आगे कहा कि माता-पिता बच्चों के साथ संवाद बनाए रखें। अपने विचार उनपर थोपें नहीं, बल्कि उन्हें गलती करके सीखने का मौका दें। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्कूलों को लर्निंग जोन बनाने की आवश्यकता है, न कि प्रथम आने की अंधी दौड़ में शामिल करने का स्थान।

वेबिनार में डा रिमझिम श्रीवास्तव, डा अल्पना शुक्ला, डा रेड्डी समेत कई विशेषज्ञों ने बच्चों के आधुनिक परिवेश में पालन पोषण पर अपने विचार व्यक्त किए। डा हिमाबिंदू, डा निरुपमा समेत सभी विशेषज्ञ डाक्टरों ने जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार की संगोष्ठी आयोजित करके उसके संदेश समाज के सभी वर्गों में पहुंचाये जायें तभी मौजूदा परिस्थितियों में सुधार होगा।

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