-राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश ने किया मांग का समर्थन, आंदोलन होने पर साथ देने का ऐलान

सेहत टाइम्स
लखनऊ। गन्ना एवं चीनी विभाग द्वारा गन्ना पर्यवेक्षकों को वेब पोर्टल लॉगिंग के आदेश का संसाधन उपलब्ध न कराने तक, लॉगिंग को स्थगित रखने करने के कारण प्रान्तीय पदाधिकारियों को मुख्यालय पर संबद्ध करने पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र ने आक्रोश जताया है।
यहां जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उ प्र के महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया कि उ०प्र० गन्ना पर्यवेक्षक संघ द्वारा गन्ना आयुक्त प्रमोद उपाध्याय के समक्ष प्रस्तुत की गई मांग जायज है। गन्ना पर्यवेक्षक एक अल्प वेतन भोगी कर्मचारी है और वह बिना संसाधनों व ट्रेनिंग के वेब पोर्टल लॉगिंग का संचालन कैसे करेगा। विभागाध्यक्ष के आदेश को धरातल पर शत प्रतिशत लागू करना असंभव है। जिन कर्मियों से नहीं हो पायेगा तो निश्चित रूप से जनपद के अधिकारी द्वारा शोषण किया जाएगा और भ्रष्टाचार की भी प्रबल संभावना है।
श्री मिश्रा ने कहा कि अत्यन्त खेद का विषय है कि संघ के पदाधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की समस्याओं को अवगत कराया तो विभाग द्वारा प्रान्तीय अध्यक्ष मनोज राय को मऊ जनपद से व महामंत्री डा सुशील बरेली से लखनऊ आबद्ध कर दिया गया, जो कदापि उचित नहीं है, जबकि कार्मिक विभाग द्वारा व्यवस्था की गई है कि प्रान्तीय पदाधिकारियों को बिना किसी ठोस कारण के व बिना शासन की अनुमति के हटाया नहीं जा सकता है, पर सब कुछ ताक पर रखकर विभाग पदाधिकारियों/कर्मचारियों का शोषण करने पे आमादा है, जबकि वर्तमान समय में सर्वे का कार्य विभाग के लिए महत्वपूर्ण है।


विभाग द्वारा वार्ता आहूत नहीं की जा रही और कर्मचारियों की मांगें, जिनपर पूर्व में शासन व विभाग के साथ संपन्न हुयी बैठकों में सहमतियां व्याप्त हैं, वो भी मकड़जाल में फंसकर लम्बित हैं। इसके साथ-साथ गन्ना पर्यवेक्षक संवर्ग के लोगों की सामान्य देयताएं जैसे एसीपी सात वर्षों से, नव नियुक्त करना पर्यवेक्षकों के इंक्रीमेंट तीन वर्षों से, छह वर्षों से लंबित पदोन्नति जैसे आदि सामान्य कार्य भी अपर गन्ना आयुक्त प्रशासन के नकारात्मक रवैया के कारण वर्षों से लंबित है। 3767 गन्ना पर्यवेक्षक के सापेक्ष लगभग 1700 ही गन्ना पर्यवेक्षक अतिरिक्त कार्य करने को बाध्य हैं।
गन्ना पर्यवेक्षक संघ उ०प्र० राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का संबद्ध संगठन है और यदि संघ द्वारा कोई भी आन्दोलन की घोषणा की जाती है तो परिषद उसे पूर्ण समर्थन करेगी। परिषद द्वारा पूर्व में और आज भी विभागीय अपर मुख्य सचिव, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव कार्मिक उ प्र शासन को पत्र प्रेषित कर मांग की गयी है कि उपरोक्त प्रकरण पर गंभीरतापूर्वक विचार करते हुये जब तक संसाधन उपलब्ध न हो जाये व ट्रेनिंग न हो पाये तब तक के लिए उक्त आदेश को स्थगित करने की कृपा करें, जिससे संगठन व विभाग के मध्य टकराव की स्थिति न बने।
