-आंतों के विकार के कारण मल-पेशाब करने में दिक्कत वाले रोगियों में बनाया जाता है स्टोमा
सेहत टाइम्स
लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रो सर्जरी विभाग द्वारा संस्थान के सर्जरी से जुड़े विभागों व कैंसर विभागों की नर्सों के लिए “स्टोमा प्रबंधन” पर 10 व 11 अगस्त को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कोलोप्लास्ट अकादमी के सहयोग के साथ किया गया। ज्ञात हो स्टोमा उन मरीजों में बनाया जाता है जिनमें आंतों के विकार के कारण मल या पेशाब करने में दिक्कत होती है।
संस्थान द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार कार्यशाला का शुभारंभ 10 अगस्त को संस्थान के निदेशक प्रो० (डॉ) सीएम सिंह द्वारा किया गया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए निदेशक ने कहा कि स्टोमा प्रबंधन आज के समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की विशिष्ट कार्यशालाओं के आयोजन से संस्थान में आने वाले मरीजों को जहां गुणवत्ता पूर्वक नर्सिंग केयर मिलती है, वहीं दूसरी ओर संस्थान का नाम भी आम जनमानस में गुणवत्ता परक सेवा देने के लिए जाना जाता है।
गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो0 अंशुमन पांडेय ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा स्टोमा उन मरीजों में बनाया जाता है जिनमें आंतों के विकार के कारण मल या पेशाब करने में दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य संस्थान की उपचारिकाओं को स्टोमा प्रबंधन में दक्ष करना है जिससे कि वह मरीजों की सही देखभाल कर सकें साथ ही उनको अपने स्तर से सही परामर्श (काउंसलिंग) प्रदान कर सकें। डा०राशु कुरेले, क्लिनिकल मैनेजर, कोलोप्लास्ट अकादमी ने कार्यशाला में आए प्रतिभागियों को स्टोमा प्रबंधन पर प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यशाला में संस्थान के विभिन्न विभागों जैसे की जनरल सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी, यूरोलॉजी, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी से कुल 18 उपचारिकाओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला का समापन आज 11 अगस्त को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ।