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दिल के रोगों में इंटरवेंशनल तकनीक के नये-नये आयाम साझा करेंगे दुनिया भर के विशेषज्ञ

संजय गांधी पीजीआई में लग रहा है 5 से 7 अप्रैल तक विशेषज्ञों का जमावड़ा

लखनऊ। तमाम जागरूकता के बावजूद हृदय रोगियों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है। हार्ट रोगियों को घबराने की जरूरत नही है, क्योंकि इंटरवेंशनल ट्रीटमेंट यानी कैथेटर बेस्‍ड ट्रीटमेंट से हार्ट रोगियों को कम समय और कम खर्च में उपचारित किया जा रहा है। बिना ऑपरेशन किये सूक्ष्‍म हस्‍तक्षेप से हृदय रोग का उपचार करना सफल एवं सुरक्षित माना जाता है, इसी को ध्‍यान में रखते हुए दुनिया भर के हृदय रोग विशेषज्ञों का जमावड़ा राजधानी लखनऊ में लगने जा रहा है। तीन दिन तक किये जाने वाले मंथन में मरीज के हित में कई नयी जानकारियां मिलने की पूरी उम्‍मीद है।

 

यह जानकारी बुधवार को पीजीआई में पांच अप्रैल से शुरू होने वाले नेशनल इंटरनेशनल काउंसिल कार्डियोलॉजी के तीन दिवसीय वार्षिक अधिवेशन के संबंध में आयोजित पत्रकार वार्ता में आयोजन सचिव संजय गांधी पीजीआई के प्रोफेसर डॉ.सत्येंद्र तिवारी ने दी। इसका आयोजन नेशनल कार्डियोलॉजी सोसाइटी ऑफ इंडिया के यूपी चैप्‍टर द्वारा किया जा रहा है। डॉ. तिवारी ने बताया कि इसका उद्घाटन 5 अप्रैल को उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू करेंगे। समारोह में उत्‍तर प्रदेश के राज्‍यपाल राम नाईक विशिष्‍ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। पत्रकार वार्ता में डॉ सत्‍येन्‍द्र तिवारी के साथ ही डॉ सुदीप कुमार, डॉ आदित्‍य कपूर, डॉ पीके गोयल, डॉ नवीन गर्ग व डॉ रूपाली खन्‍ना भी शामिल थे।

 

डॉ तिवारी ने बताया कि इंटरवेंशनल हार्ट ट्रीटमेंट तकनीक तेजी से तरक्की कर रही है, नतीजतन हार्ट अटैक या अन्य दिक्कत को शुरुआती समय यानि गोल्डेन आवर में ही उपचारित करना संभव हो चुका है। यह सेवायें इमरजेंसी और ओपीडी आधार पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इमरजेंसी में आने वाले हार्ट अटैक के मरीज को छह से आठ घंटों के अंदर ही इस तकनीक से इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसकी वजह से अटैक के बाद हार्ट में समय के साथ होने वाले नुकसान को बचाया जा रहा है। इस तकनीक में विविध रोगों को उपचारित किया जा रहा है।