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मरीजों की भीड़ देख मंत्री ने कहा, इमरजेंसी के बेड की संख्‍या दोगुनी करें

-चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने किया संजय गांधी पीजीआई का दौरा

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुधवार को दिये गये निर्देशों के पालन में गुरुवार को चिकित्‍सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्‍ना ने संजय गांधी पीजीआई का दौरा कर वहां की चिकित्‍सा सुविधाओं का जायजा लिया। सुरेश खन्ना ने संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान, इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ देखकर उन्होंने इमरजेंसी में बेड की संख्या 30 से बढ़ाकर 60 करने के निर्देश दिये साथ ही कहा कि कैंसर पीडि़त मरीजों की समस्याएं व उपचार तुरंत उपलब्ध कराया जाये। इस दौरान उन्होंने मरीजों से मिल रही सुविधाओं का भी हाल लिया। ज्ञात हो मुख्‍यमंत्री का निर्देश हैं कि चिकित्सा संस्थान हो या सरकारी अस्पताल, सभी जगह मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं मिलनी चाहिये। इसके लिए मंत्रियों एवं अधिकारियों को औचक निरीक्षण करना चाहिये।

पीजीआई पहुंचे चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने इमरजेंसी वार्ड में देखा कि कुल 30 बेड की व्यवस्था है। जिसमें 8 रेड जोन, 7 यलो जोन तथा 15 बेड ग्रीन जोन के है। इन सभी बेडों पर मरीज भर्ती थे। जबकि कई मरीज प्रतीक्षा में थे, उन्होंने इन बेडों को बढ़ाकर दोगुना करते हुए 60 करने के निर्देश दिए। इमरजेंसी प्रभारी तथा निदेशक द्वारा इमरजेंसी में बेड बढ़ाने के लिए तुरन्त 10 इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर्स की डिमांड की तो, उन्होंने प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से वार्ता कर यथासंभव उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद श्री खन्ना, 22 बेड वाले कार्डियोलॉजी वार्ड पहुंचे, जहां केवल तीन मरीज थे, उन्होंने अधिक से अधिक मरीजों के इलाज के निर्देश दिए।

इस अवसर पर कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष ने मरीजों में शीघ्रता से कोविड टेस्ट कराने की जरूरत से अवगत कराया तो चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने, महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पाया कि डायलिसिस यूनिट में 55 मशीनों व बेड की उपलब्धता है जिसे तीन शिफ्टों में संचालित किया जा रहा है। उन्होंने देखा कि 10 डायलिसिस मशीनों की व्यवस्था कोविड हॉस्पिटल में उपलब्ध है। क्रिटिकल केयर मेडिसिन में 20 बेड उपलब्ध है जहां पर भी मरीज भर्ती थे। इस अवसर पर सुरेश खन्‍ना ने उपस्थित कर्मचारियों एवं पीआरओ को रोगियों से बेहतर व्यवहार व मृदुभाषी होने निर्देश देते हुये, उल्लंघन पर कड़ी कार्यवाही किए जाने की चेतावनी भी दी।