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वैज्ञानिकों ने कहा- शीतलता, सुगंध और औषधि का खजाना भरे हैं ये पौधे

सूरजमुखी, जैस्‍मीन ग्रुप के मोगरा, जूही, बेला, चमेली के फूल है सुगंध और औषधि से भरे

कोचिया, पोर्टुलाका, गैलार्डिया, कॉस्मॉस, गम्फ्रैना, जीनिया, सिलोसिया, रुड्वेकिया भी हैं लाजवाब

 

डॉ़ एसके तिवारी

लखनऊ। गर्मी से बचने के लिए हम कितने ही प्रकार के जतन करते हैं, लेकिन प्रकृति की गोद से मिलने वाली ठंडक से जो सुकून हासिल होता है, उसका अहसास अलग ही है। आजकल भी गर्मी तेजी से बढ़ने लगी है, रात को तो फि‍र भी गनीमत है लेकिन दोपहर की तपिश एक माह बाद यानी मई की गर्मी का अहसास करा रही है। अभी से तापमान 40 डिग्री को छू रहा है। यदि कोई आपसे कहे कि कुछ ऐसा कर लीजिये कि गर्मी से भी छुटकारा मिले और वातावरण भी सुगंधित हो जाये साथ ही आपके स्‍वास्‍थ्‍य की भी देखभाल रहे तो यह तो आपके लिए बेहद कम खर्च में चारों ओर से फायदा ही फायदा देने वाली बात होगी।

 

घर की तपिश घटाने के लिए राष्‍ट्रीय वनस्‍पति अनुसंधान संस्‍थान (एनबीआरआई) ने मौसमी पौधों को घर का वातावरण ठंडा बनाये रखने के लिए लगाने की सलाह दी है। इन पौधों को लगाने से न सिर्फ वातावरण शुद्ध रहेगा बल्कि उनकी भीनी-भीनी खुशबू से वातावरण और भी खुशनुमा हो जायेगा। इनके औषधीय गुण तो इनमें चार चांद लगाते हैं। सूरजमुखी गर्मी के मौसम का सर्वाधिक गुणकारी पौधा होता है। साथ ही इसकी देखरेख करना भी आसान है। इसे बढ़ने के लिए 7-8 घंटे की धूप की जरूरत होती है। यह अस्थमा, कैंसर जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है।

एनबीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ़ एसके तिवारी ने बताया कि गर्मी में जो लोग खुशबूदार और सफेद फूलों को घर में जगह देना चाहते हैं वे जैस्‍मीन ग्रुप के फूलों को तरजीह दें। इसमें बेला, चमेली, चंपा, मोगरा और जूही शामिल हैं। यह पौधे खुशबूदार होने के साथ-साथ औषधीय गुणों से भरपूर हैं। चंपा के फूल अपनी खुशबू से स्ट्रेस लेवल को मेनटेन करते हैं। घर में लगाने से गर्मी के दिनों में ताजगी का एहसास देते हैं। मोगरा का इत्र कान के दर्द में भी प्रयोग किया जाता हैं। कोढ़, मुंह और आंखों के रोगों में लाभ देता है। जूही की भीनीभीनी खुशबू तन और मन को ठंडक का एहसास देती है। आंखों की परेशानी को दूर करने में जूही काफी मददगार होती है।

बेला का इस्तेमाल एरोमा थेरेपी में किया जाता है। साथ ही गर्मी में निकलने वाली फोड़े फुंसी, दाद, खुजली से निजात भी मिलती है। आयुर्वेद के मुताबिक चमेली के फूल से स्किन संबंधी बीमारियां दूर होती हैं। पेट के कीड़े मरते हैं। फूलों के रस से चेहरा चमकदार बनता है। गमले में लगाने वाले लोग पौधे को खिली धूप में रखें और गमले में पानी सायं के समय देने की व्यवस्था करें।

 

गर्मी के मौसम में उगने बाले पौधे मुख्‍यत: हैं सूरजमुखी, कोचिया, पोर्टुलाका, गैलार्डिया, कॉस्मॉस, गम्फ्रैना, जीनिया, सिलोसिया, रुड्वेकिया।  कोचिया पूरा पत्तेदार पौधा है। इसमें फूल नहीं होते। हरा रंग का यह पौधा अधिकतम तापमान में भी हरा रहता है, पोर्टुलाका गर्म और सूखी जमीन में होता है। यह रंग-बिरंगे सुंदर फूलों वाला पौधा है, जोकि घास की तरह जमीन पर फैलता है। यह पौधा किसी भी तरह की मिट्टी में लगाया जा सकता है। कॉस्मॉस अच्‍छी धूप में खिलता है। इसके पत्ते फर्न की तरह होते हैं और फूल गुलबहार की तरह जो पीले और नारंगी रंगों में पाए जाते हैं।

गम्फ्रैना कागज की तरह छोटे छोटे लाल, गुलबी, सफेद रंग के फूल होते हैं गैलार्डिया पौधे को ग्रीष्‍म,  शरद व वर्षा ॠतु में लगाया जा सकता है इसके फूल गुच्छेदार पीले, नारंगी या कई रंगों में होते हैं, जीनिया पौधे को ग्रीष्‍म व वर्षा ॠतु में लगाया जा सकता है इसके फूल गुलाब की तरह गुच्‍छों में कई रंगों में होते हैं, सिलोसिया पौधे को भी ग्रीष्‍म व वर्षा ॠतु मै लगाया जा सकता है इसके फूल बहुत ही सुंदेर अनेक रंगो मै होते है इनके बीज 7-10 दिनों में अंकुरित हो जाते हैं। इसके लिए मिट्‍टी की थाली में बीजों को फैलाकर पत्ती की खाद से ढंक दिया जाता है।