वर्तमान में अमान्य लोग भी जारी कर रहे जांच रिपोर्ट, इस पर लगाम लगने का रास्ता साफ
लखनऊ। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने अपने नये जारी दिशा निर्देशों में स्पष्ट किया है कि पैथोलॉजी रिपोर्ट पर दस्तखत करने का अधिकार मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया में पंजीकृत पीजी अथवा उसके सममुल्य डिग्रीधारक पैथोलॉजिस्ट, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और बायोकेमिस्ट को ही है।
एमसीआई द्वारा जारी नये निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि पैथोलॉजी की जांच रिपोर्ट पर साइन और काउंटर साइन करने का अधिकार भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट 2012 के अनुरूप ही रहेगा।
आपको बता दें कि इस सम्बन्ध में हाईकोर्ट में भी कई याचिकाएं लंबित चल रही हैं जिसमें पैथोलॉजी रिपोर्ट तैयार करने के साथ ही उस पर दस्तखत करने का अधिकार को चुनौती दी गयी है। दरअसल पैथोलॉजी में होने वाले टेस्ट की रिपोर्ट का महत्व रोग की सही पहचान करना है, टेस्ट रिपोर्ट तैयार करते समय पैथोलॉजिस्ट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, बहुत से केसेज में पैथोलॉजिस्ट को जांच वाले व्यक्ति का उपचार करने वाले चिकित्सक से डिस्कस भी करना पड़ता है, इसके बाद जो रिपोर्ट तैयार होती है, उस आधार पर चिकित्सक मरीज का इलाज करता है। ऐसे में अगर रिपोर्ट बनाते समय थोड़ी सी असावधानी इलाज की दिशा को गलत तरफ मोड़ सकती है और मरीज की जान को खतरा पैदा हो सकता है। अगर रोग की पहचान सही नहीं हुई तो मरीज को लेने के देने पड़ सकते हैं। इस महत्व को समझकर ही सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिए हैं कि पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट पर हस्ताक्षर मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया से पंजीकृत डॉक्टर को ही दस्तखत करने की इजाजत है।