-राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में मनायी गयी डॉ अम्बेडकर जयंती
सेहत टाइम्स
लखनऊ। डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों को आत्मसात करने का सर्वोत्तम मार्ग यही है कि हम समाज के अंतिम व्यक्ति तक चिकित्सा एवं सेवा पहुंचाएं। डॉ. अंबेडकर केवल संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि वे सामाजिक क्रांति के अग्रदूत भी थे। उन्होंने सदियों से शोषित-पीड़ित समाज को नई चेतना दी और हमें यह सिखाया कि शिक्षा, आत्म-सम्मान और संघर्ष के बल पर किसी भी व्यवस्था को बदला जा सकता है। उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है।
ये विचार आज भारतीय संविधान के शिल्पकार, सामाजिक न्याय के पुरोधा और दलितों, वंचितों एवं शोषितों के उत्थान के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित करने वाले भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, गोमती नगर, लखनऊ में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. विजय कुमार पुष्कर ने व्यक्त किये।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 9:00 बजे महाविद्यालय परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुआ, जिसमें महाविद्यालय के समस्त शिक्षकगण, चिकित्सक, अंडरग्रेजुएट एवं पोस्ट ग्रेजुएट छात्र, इंटर्न, कर्मचारीगण सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने सहभागिता की।


कार्यक्रम में महाविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर (डॉ.) पन्नालाल, प्रवीण सिंह, अमित भारती, अनिता गौतम एवं अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों एवं शिक्षकों ने डॉ. अंबेडकर के सामाजिक योगदान, उनके विचारों और उनके द्वारा स्थापित संवैधानिक मूल्यों पर विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में यह कहा कि आज के युवाओं को डॉ. अंबेडकर के विचारों को आत्मसात करते हुए सामाजिक समरसता और समानता के लिए कार्य करना चाहिए।
इस अवसर को जनसेवा से जोड़ते हुए महाविद्यालय द्वारा अनुसूचित जाति एवं जनजाति होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में एक विशाल निःशुल्क होम्योपैथिक चिकित्सा एवं दवा वितरण शिविर का आयोजन डॉ. भीमराव अंबेडकर पार्क, लखनऊ में किया गया। यह शिविर प्रातः 10:00 बजे से सायं 5:30 बजे तक चला, जिसमें 1000 से अधिक रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क होम्योपैथिक परामर्श एवं औषधियां उपलब्ध कराई गईं।
चिकित्सा शिविर में राजकीय नेशनल होम्योपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के शिक्षकगण डॉ. आर. के. कश्यप, डॉ. जितेन्द्र कुमार, डॉ. अंजनी सिंह, डॉ. ज्ञान प्रकाश गौतम, डॉ. रूपेश पांडे, सेवानिवृत्त चिकित्सा अधिकारी डॉ. बलिराम, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार गौतम, डॉ. आशीष सिंह, डॉ. एस. पी. वर्मा, डॉ. महेश प्रसाद, डॉ. शैलेन्द्र, डॉ. चंद्रिका धार, डॉ. विनोद, डॉ. ए. के. गौतम, पी.जी. छात्र डॉ. अमित, डॉ. दिनेश, इंटर्न छात्र आशीष सिंह, लालचंद इत्यादि ने शिविर में अपना सहयोग प्रदान किया एवं रोगियों को परामर्श एवं दवा वितरण का कार्य किया। प्राचार्य द्वारा चिकित्सा शिविर में उल्लेखनीय योगदान देने वाले चिकित्सकों एवं स्वयंसेवकों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
