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डायबिटीज-ब्रेन स्ट्रोक सहित कई रोगों के पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट पर कार्य कर रही हैं प्रो वंदना तिवारी

-लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के बायोकेमिस्ट्री विभाग की प्रोफेसर को मिला है “डायरेक्टर्स मेरिट अवॉर्ड’’

सेहत टाइम्स

लखनऊ। डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चौथे स्थापना दिवस पर “डायरेक्टर्स मेरिट अवार्ड’’ से सम्मानित हुई प्रोफ़ेसर (डॉ) वंदना तिवारी वर्तमान में ह्यूमन जेनेटिक्स की प्रोफाइलिंग करके विभिन्न बीमारियों (डायबिटीज, ब्रेन स्ट्रोक, डीस्टोनिया, ओरल कैंसर, अस्थमा आदि) के लिए पर्सनलाइज्ड ट्रीटमेंट (प्रति व्यक्ति विशेष इलाज) पर कार्य कर रही हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार की एलर्जी टेस्टिंग (50 से अधिक पैनल) और टॉक्सिक पैनल (कीटनाशक, टॉक्सिक मेटल) की टेस्टिंग उनके डिपार्टमेंट में हो रही है।

ज्ञात हो डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के चतुर्थ स्थापना दिवस के मौके पर बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट की प्रोफेसर (डॉ) वंदना तिवारी को “डायरेक्टर्स मेरिट अवार्ड’’ से सम्मानित किया गया उन्हें ये अवार्ड उनके द्वारा एकेडेमिक एवं रिसर्च में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए किया गया।

प्रोफेसर तिवारी ने संस्थान में ‘24 घंटे की आपातकालीन प्रयोगशाला सेवाओं’ और ‘सेंट्रल रिसर्च लैब’ की स्थापना और प्रबंधन में अहम योगदान दिया है। डॉ तिवारी ‘सेंट्रल रिसर्च लैब’ के ‘प्रभारी’ के साथ-साथ, पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के उप-डीन के रूप में रिसर्च, पाठ्यक्रम और अकादमिक कार्यो का संचालन कर रही हैं।

उन्होंने संस्थान के विकास और नीति निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों, जैसे आईआरएफ समिति और आंतरिक शिकायत समिति की सदस्य हैं। इसके अलावा, उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, झांसी में राज्य रेफरल केंद्र के प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी के रूप में भी कार्य किया है।

प्रोफेसर तिवारी ने शैक्षणिक और अनुसंधान के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने सौ से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय सम्मेलनों में अपने शोध प्रस्तुत किए हैं। इसके अलावा, उनके पर्यवेक्षण (इन्वेस्टिगेटर/सह-इन्वेस्टिगेटर के रूप) में 25 से अधिक रिसर्च प्रोजेक्ट/अनुदान सम्पादित हुए हैं। प्रोफेसर तिवारी ने तीन दशकों से अधिक समय से स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों को भी मार्गदर्शन प्रदान किया है। उन्होंने कई शोध पत्रों के प्रकाशन और महत्वपूर्ण शोध एवं थीसिस के पूरा होने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रोफेसर तिवारी ने संस्थान में जीव रसायन प्रयोगशाला की स्थापना की, जो अब संस्थान की निदान सेवाओं का एक प्रमुख आधार बन गई है। उनके नेतृत्व में, प्रयोगशाला ने अपनी परीक्षणों की शृंखला का विस्तार किया है। प्रोफेसर तिवारी के प्रयासों से प्रयोगशाला के उपकरणों का स्वचालन और अस्पताल सूचना प्रणाली (एचआईएस) और प्रयोगशाला सूचना प्रणाली (एलआईएस) के साथ कनेक्टिविटी सुनिश्चित हुई है। इसके परिणामस्वरूप, परीक्षण परिणामों का शीघ्र और सटीक रूप से वितरण सुनिश्चित हुआ है।

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