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सलमान खान वाला ‘ट्राइजेमिनल न्‍यूरे‍ल्जिया’ का दर्द भी दूर करेगा केजीएमयू

सिर्फ दो से ढाई घंटे का इलाज देगा 6 से 8 महीनों के लिए दर्द से छुटकारा

कैंसर का दर्द हो या हो कमर और घुटने का दर्द सभी होंगे दूर : डॉ सरिता सिंह

लखनऊ। किसी भी व्‍यक्ति को जब शरीर में दर्द होता है तो इसकी पीड़ा वहीं समझ सकता है, न ऐसे चैन न वैसे चैन। विशेषकर ऑर्थराइटिस के चलते घुटनों में होने वाला दर्द, कमर दर्द, जोड़ों का दर्द ऐसा होता है जिससे व्‍यक्ति किसी भी कीमत पर छुटकारा पाना चाहता है। इसके साथ ही ट्राइजेमिनल न्‍यूरे‍ल्जिया बीमारी से ग्रस्‍त लोगों के चेहरे पर होने वाले असहनीय दर्द से पीड़ित लोगों के लिए यह अच्‍छी खबर है कि अब केजीएमयू के ऐनेस्‍थीसियोलॉजी विभाग में दर्द से छुटकारा दिलाने वाली रेडियो फ्रीक्‍वेन्‍सी मशीन आ गयी है। ऑपरेशन थियेटर में की जाने वाली रेडियो फ्रीक्‍वेन्‍सी एबलेशन प्रक्रिया से एक बार की सिटिंग में क्रॉनिक पेन को कम से कम छह से आठ माह के लिए दूर किया जा सकता है।

प्रो सरिता सिंह

इस बारे में जानकारी देते हुए ऐनेस्‍थीसियोलॉजी विभाग की प्रो सरिता सिंह ने बताया कि फि‍लहाल संस्‍थान के शताब्‍दी अस्‍पताल फेज 1 के दूसरे तल पर स्थित ऑपरेशन थियेटर में अभी यह सुविधा सप्‍ताह में एक दिन दी जा रही है, जल्‍दी ही इसे एक दिन और यानी कुल मिलाकर हफ्ते में दो दिन दिये जाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए मरीज को ओपीडी में तारीख दी जायेगी कि उसे कब आना है। प्रो सरिता ने इसके लिए अपनायी जाने वाली प्रक्रिया के बार में बताया कि हम लोग एक्‍सरे से पहले यह देख लेते हैं कि दर्द किस नस से आ रहा है। नस को चिन्हित करने के बाद एक सुई को उस नस तक पहुंचाकर एक प्रकार का करेन्‍ट देते हैं, इस करेंट की तीव्रता उतनी ही होती है जितनी दर्द को दूर करने के लिए जरूरत है। इस प्रक्रिया में एक मरीज में कम से कम दो से ढाई घंटे का समय लग जाता है।

ओटी में घुटने के दर्द को दूर करने की प्रक्रिया करतीं प्रो सरिता सिंह

डॉ सरिता ने बताया कि ट्राइजेमिनल न्‍यूरे‍ल्जिया बीमारी में चेहरे में होने वाला दर्द अत्यधिक परेशान कर देता है, उन्‍होंने बताया कि यही दर्द बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को भी हुआ था। ट्राइजेमिनल न्‍यूरे‍ल्जिया बीमारी का खुलासा खुद सलमान खान ने किया था। कहते हैं कि इस दर्द की तीव्रता का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि इसे सुसाइडल पेन का भी नाम दिया गया है।

इसी रेडियो फ्रीक्वेन्सी मशीन से की जाती है प्रक्रिया

उन्‍होंने बताया कि आजकल घुटनों के दर्द, कमर के दर्द की समस्‍या आम होती जा रही है। ऐसे में दर्द से छुटकारा दिलाने में केजीएमयू में आयी यह पहली मशीन मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। इस उपचार में आने वाले खर्च के बारे में पूछने पर डॉ सरिता ने बताया कि इस प्रक्रिया में जिस सुई का इस्‍तेमाल होता है उसकी कीमत 500 से 1000 रुपये होती है, इसी सुई को सिर्फ मरीज को लाना होगा बाकी प्रक्रिया फ्री है। डॉ सरिता ने बताया कि इस प्रक्रिया के बाद मरीज को दर्द का अहसास खत्‍म में लगभग 15 दिन का समय लग जाता है इसलिए प्रक्रिया के तुरंत बाद अगर दर्द में आराम न मिले तो परेशान न हों। प्रक्रिया के बाद एक-दो दिन तक थोड़ी सूजन भी रहती है।