Tuesday , April 23 2024

केजीएमयू की सफलताओं की किताब में एक और पन्‍ना जुड़ा

कैडेवर लिवर का पहली बार हुआ प्रत्‍यारोपण, 13 घंटे चली सर्जरी

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की सफलता की किताब में एक और नया पन्ना बुधवार को जुड़ गया। संस्थान में पहली बार कैडेवर लि‍वर का प्रत्यारोपण किया गया। यह सर्जरी 13 घंटे तक चली। प्रत्‍यारोपित किया गया कैडेवर लिवर यहां भर्ती एक 35 वर्षीय महिला का है कल 25 जून को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था।

 

संस्थान द्वारा जी दी गई जानकारी के अनुसार बीती 9 जून को हरिप्रसाद की पत्नी वन्‍दना सड़क हादसे का शिकार होकर सिर में चोट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गयीं थी। उन्‍हें 12 जून को केजीएमयू में भर्ती कराया गया था। लगातार इलाज के बाद कल 25 जून को डॉक्‍टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसके बाद सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के ऑर्गन ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर्स पीयूष श्रीवास्तव एवं क्षितिज वर्मा के साथ सोशल वर्कर अश्वनी सिंह ने अंगदान के लिए परिजनों की काउंसलिंग की जिसके बाद परिवारीजन अंगदान के लिए राजी हो गए। इस तरह से कैडेवर से प्राप्त लिवर को मेरठ निवासी 32 वर्षीय मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। यह मरीज पिछले 9 महीने से गंभीर बीमारी लिवर सिरोसिस से पीड़ित था। इसके अतिरिक्‍त कैडेवर की दोनों आंखों की कार्निया केजीएमयू के आई बैंक में प्रत्यारोपण के लिए सुरक्षित रख ली गई हैं।

 

लिवर प्रत्यारोपण करने वाली टीम के सदस्यों में सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अभिजीत चंद्रा डॉक्टर विवेक गुप्ता डॉ प्रदीप जोशी एवं निश्चेतना विभाग की डॉ अनीता मलिक डॉक्टर मोहम्मद परवेज एवं डॉक्टर एहसान सिद्दीकी क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग के डॉ अविनाश अग्रवाल एवं डॉ आर्मीन अहमद, रेडियोलोजी विभाग के डॉ रोहित एवं ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन की डॉ तूलिका चंद्र, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉक्टर अमिताभ जैन, डॉ प्रशांत, डॉ शीतल वर्मा, पैथोलॉजी विभाग के डॉ अतिन एवं डॉ वाहिद, कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ वीएस नारायण एवं डॉ गौरव चौधरी, पल्मोनरी विभाग के डॉ सूर्यकांत एवं डॉ दर्शन बजाज के साथ ही मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ एसएन संखवार एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ बीके ओझा ने इस महत्वपूर्ण कार्य में अपना सहयोग दिया।

 

इसके अतिरिक्त इस लिवर प्रत्यारोपण सर्जरी में मैक्स हॉस्पिटल के डॉ शालीन अग्रवाल एवं डॉ वैभव नासा तथा अन्य सर्जन भी शामिल थे। यह सर्जरी 25 जून को अपरान्‍ह 3 बजे शुरू हुई जो कि आज सुबह यानी 26 जून को प्रातः 4 बजे संपन्न हुई। लिवर प्रत्यारोपण के बाद से मरीज की स्थिति स्थिर बनी हुई है