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शिक्षकों-कर्मचारियों का बुढ़ापे में सहारा है पुरानी पेंशन

-अटेवा पेंशन बचाओ मंच की बैठक, 30 जनवरी को आयोजित की जायेगी गोष्‍ठी

सेहत टाइम्‍स ब्‍यूरो

लखनऊ। अटेवा पेंशन बचाओ मंच के अध्‍यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा है कि पुरानी पेंशन ही बुढ़ापे का सहारा है। शिक्षक-कर्मचारी अपने जीवन के कई वर्ष सरकारी सेवा में देता है और राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देता है, जिसके बाद रिटायर होने पर कर्मचारियों की पेशन ही उसकी सामाजिक सुरक्षा करती है।

विजय कुमार ने यह बात गुरुवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के तत्वावधान में पीडब्ल्यूडी स्थित एकता सदन में आयोजित बैठक में कही। उन्‍होंने कहा कि पुरानी पेंशन शिक्षकों-कर्मचारियों का अधिकार है क्योंकि पेंशन के सहारे ही उस कर्मचारी-शिक्षक का बुढ़ापा कट जाता है। इसलिए शिक्षको कर्मचारियों को पेंशन जरुर मिली चाहिए।

उन्होंने बताया कि 30 जनवरी को लखनऊ स्थित गांधी भवन सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में पीडब्ल्यूडी सर्किल ऑफिसेज मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन उप्र, सिंचाई विभाग, उप्र ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ, लुआकटा, राम मनोहर लोहिया नर्सेज संघ, नगर निगम कर्मचारी संघ, केजीएमयू, लेखपाल संघ समेत कई अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने 30 जनवरी को होने वाली गोष्टी को सफल बनाने की अपील की।

इस मौके पर डॉ नीरज पति त्रिपाठी, डॉ राजेश यादव, श्रवण सचान, रजत यादव, रामेंद्र श्रीवास्तव, डॉ रमेश चंद्र त्रिपाठी, विक्रमादित्य मौर्य, रविन्द्र वर्मा, रजत प्रकाश, डॉ मनोज पांडेय, दयाशंकर, अर्जुन यादव, ज्ञानेंद्र शंकर त्रिपाठी, डॉ नंद लाल कनौजिया, नरेंद्र यादव, साधो सिंह, पवन यादव, राजेश वरुण,पंकज रस्तोगी,शरद पटेल, अनूप त्रिपाठी, राकेश कुमार, अनिरुद्ध सिंह व प्रमोद पाठक मौजूद थे।