-वार्षिक समारोह में अजंता हॉस्पिटल में जन्मे आईवीएफ बच्चों का लगा जमावड़ा

सेहत टाइम्स
लखनऊ। पहले भविष्य में डिलीवरी के लिए सामाजिक रूप से एग फ्रीजिंग सिर्फ मशहूर हस्तियों और संपन्न वर्ग तक ही सीमित थी, अब मध्यम वर्ग की कामकाजी महिलाएं भी इसका विकल्प चुन रही हैं। इस क्षेत्र में भी अब व्यापक बदलाव आया है और हर वर्ग इसको अपना रहा है।
यह बात आज चार फरवरी को अजंता अस्पताल में आई वी एफ तकनीक के साथ जन्मे बच्चों के साथ होने वाले वार्षिक समारोह में वरिष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञ और निदेशक अजंता हॉस्पिटल डॉ. गीता खन्ना ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज कल की दौड़भाग वाली जिंदगी में युवा अपने कॅरिअर पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं और साथ ही वे अपनी सुविधानुसार गुणवत्तापूर्ण बच्चे भी चाहते हैं। इसलिए ये युवा भ्रूण फ्रीजिंग का विकल्प चुन रहे हैं। पहले हमें ऐसे एक या दो मामले मिलते थे लेकिन अब इनकी संख्या सैकड़ों में है और गिनती जारी है।

अस्पताल में रविवार का नजारा कुछ अलग था। यहां टेस्ट ट्यूब बेबी मेला लगा जिसमें करीब 255 से अधिक आईवीएफ बच्चे अपने माता और पिता के साथ शामिल हुए। समारोह के दौरान आईवीएफ बच्चों और उनके खुश संतुष्ट माता-पिता ने शानदार समय बिताया और शानदार भोजन के साथ-साथ विभिन्न खेलों, मनोरंजक गतिविधियों का भी आनंद लिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण डॉ. गीता खन्ना की पहली आईवीएफ बेबी प्रार्थना थी, जो अब स्वयं मां बन चुकी है, उसने दो साल पहले एक सामान्य बच्चे पावनी को जन्म दिया था। आपको बता दें कि डॉ. गीता खन्ना ने प्रार्थना और पावनी दोनों का नामकरण किया है। ये दोनों सभी भावी आईवीएफ माता-पिता के लिए एक प्रेरणा थीं। डॉ. गीता खन्ना कहती हैं कि एक सफल आईवीएफ केंद्र के लिए एक समर्पित टीम महत्वपूर्ण है। डॉ. गीता खन्ना ने बताया कि अजंता अस्पताल में उनके मार्गदर्शन में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला और अत्यधिक अनुभवी आईवीएफ टीम है, जिसने पिछले 27 वर्षों में उत्कृष्ट परिणाम दिए हैं।

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