-केजीएमयू में MRI और CT में नई सीमाओं की खोज विषय पर कार्यशाला और संगोष्ठी सम्पन्न

सेहत टाइम्स
लखनऊ। दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को भी अब शहरी क्षेत्र की भांति उच्च क्वालिटी की इमेज वाली एम आर आई जांच की सुविधा कम खर्च में ही मिल सकेगी, ऐसे इलाकों में लो फील्ड ( कम चुंबकीय शक्ति वाली ) के एम आर आई की सुविधा है जिसमें इमेज क्वालिटी अच्छी न आने के कारण मरीजों की डायग्नोसिस में दिक्कत आती है इस समस्या के समाधान के लिए अब इसी मशीन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ए आई का उपयोग करते हुए इमेज की क्वालिटी सुधार दी गयी है। यह मशीन कम दाम में उपलब्ध होगी।
यह जानकारी यहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेडियोडायग्नोसिस विभाग द्वारा ISRT के सहयोग से 17-18 फरवरी को आयोजित “MRI और CT में नई सीमाओं की खोज : कार्यशाला और संगोष्ठी” के दूसरे दिन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल से आए भारतीय मूल के डॉ योगेश राठी ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए दी। डॉ राठी ने बताया कि हालांकि अभी यह मशीन भारत में उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसे जल्दी ही भारत में भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मशीन की उपयोगिता सिर्फ जांच में ही नहीं बल्कि रिपोर्ट तैयार करने में भी है। उन्होंने बताया कि इस मशीन से रिपोर्ट शहर के बड़े डॉक्टर को भेज कर उनकी डायग्नोसिस और सलाह भी मिल सकेगी।
रेडियो डायग्नोस्टिक विभाग के अध्यक्ष डॉ अनित परिहार और आयोजन सचिव डॉ दुर्गेश द्विवेदी ने बताया कि कार्यक्रम की एक खास बात यह रही कि उत्तर भारत की ऐसी पहली कार्यशाला यहां आयोजित की गई जिसमें सीटी और एम आर आई की हैंड्स ऑन वर्कशॉप टेक्निशियंस के लिए आयोजित की गई।
इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में 200 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें डॉ. योगेश राठी (हार्वर्ड मेडिकल स्कूल), प्रो. एम महेश (जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी), और डॉ. दुर्गा उदयकुमार (UT साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर, डलास, यूएसए), सहित AIIMS और अन्य प्रमुख भारतीय संस्थानों के प्रमुख वक्ताओं ने MRI और CT प्रौद्योगिकियों में नवीनतम जानकारियाँ साझा कीं।
मुख्य व्याख्यानों में स्टेडी स्टेट MRI में उन्नति पर प्रो. अनित परिहार, लिवर MRI के माध्यम से लिवर मेलिग्नेंसीज की शुरुआती पहचान, MRI अनुक्रम, न्यूरोलॉजिकल विकारों में फंक्शनल MRI, MR स्पेक्ट्रोस्कोपी, ब्रेस्ट MRI, और कार्डियक MRI पर चर्चा की गई। ऑन्कोलॉजिक और नॉन-ऑन्कोलॉजिक स्थितियों में मरीजों पर MRI परफ्यूजन अध्ययनों की महत्वपूर्णता को भी उजागर किया गया।
डॉ दुर्गेश ने रेसिडेंट्स डॉक्टर, तकनीशियनों और शोधकर्ताओं के लिए उन्नत कार्डियक CT और MRI अधिग्रहण और पोस्ट-प्रोसेसिंग पर हैंड्स ऑन वर्कशॉप्स के आयोजनों की आवश्यकताओं पर जोर दिया।
डॉ. अखिलेश गुप्ता, SERB सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार, ने शोध और सरकारी समर्थन के महत्व पर बल दिया। सम्मेलन में प्रो. मनोज कुमार, प्रो. प्रतीक कुमार, प्रो. निशिकांत दमले, डॉ. गौरव राज, कर्नल डॉ. एन.के. जैन, डॉ. नितिन दिक्षित, डॉ. सिद्धार्थ मिश्रा, डॉ. सौरभ कुमार और डॉ. अर्जुमंद और गौरांग पांडे भी उपस्थित थे। प्रो. सोनिया नित्यानंद ने विभिन्न बीमारियों के प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उन्नत इमेजिंग के प्रभाव और शोध उन्नति में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला।

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