-इप्सेफ की वर्चुअल बैठक में 14 अक्टूबर के धरने को सफल बनाने का आह्वान
सेहत टाइम्स ब्यूरो
लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) ने कहा है कि सत्ता में आने पर कोई भी राजनीतिक दल कर्मचारियों की हितों की रक्षा की कभी बात ही नहीं करते हैं। जब बड़ा आंदोलन होता है तो दिखावटी समर्थन दे देते हैं परंतु दिल से हमदर्दी नहीं होती। ऐसी परिस्थिति में “कर बहियां बल आपनो” का भरोसा करना होगा। देशभर में लगभग 5 करोड़ कर्मचारी हैं उनका परिवार, संबंधी हैं, सब को जोड़ा जाए तो कुल संख्या देशभर में 25 करोड़ होती है जो सरकार पर दबाव बनाने के लिए पर्याप्त है। अपनी हितैषी सरकार भी बना सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वी पी मिश्रा, महामंत्री प्रेमचंद्र ने बताया कि आज 11 अक्टूबर को इप्सेफ की वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में शामिल लोगों का कहना था कि लॉक डाउन एवं कोविड 19 में कोरोना के संक्रमण में भी इप्सेफ द्वारा मोमबत्ती जलाकर, कर्तव्य दिवस, कोविड-19 के योद्धाओं का सम्मान तथा अधिकार दिवस का कार्यक्रम करने से सरकार पर दबाव पड़ा है। रिक्त पदों पर भर्तियां एवं पदोन्नतियाँ खोलने, नियुक्तियों में 5 वर्ष संविदा पर रखने, 30 वर्ष की सेवा या 50 वर्ष की आयु में पहले ही पर जबरन सेवानिवृत्त करने, वेतन कटौती ,भत्ते जैसे निर्णयों को रोकने में सफलता मिली है। यदि यह निर्णय लागू हो जाता तो कई लाख लोग रिटायर हो जाते। भर्ती शुरू हो जाने से कई लाख लोगों को रोजगार मिलेगा आर्थिक संकट में नहीं पड़ेंगे।
इप्सेफ नेताओं ने कहा है कि यदि 14 अक्टूबर को सांकेतिक धरना प्रदर्शन को सफल बना देंगे तो “राष्ट्रीय वेतन आयोग का गठन”, “एक देश एक वेतन” सुविधाओं को भी प्राप्त करने में सफल होंगे। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय नियुक्ति बोर्ड गठित करने से काफी हद तक सफलता दिखाई देने लगी है। इप्सेफ का उद्देश्य है कि देश भर के कर्मचारियों को एक समान वेतन भत्ते सुविधाएं मिलें। इसके साथ ही निजीकरण एवं संविदा/आउटसोर्सिंग की व्यवस्था पर भी रोक लग सके। इप्सेफ ने प्रधानमंत्री से कहा है कि निजी क्षेत्र व सार्वजनिक सेवा दोनों को सुदृढ़ करें जिसमें किसी की मोनोपोली ना होने पाए। इससे पूंजीवादी व्यवस्था हावी नहीं हो पाएगी तथा रोजगार का भी सृजन होगा और देश तरक्की करेगा।
श्री मिश्रा ने देशभर के कर्मचारियों से अपील की है कि सिर्फ मांगों पर एकता के साथ साथ आपसी भाईचारे भी मजबूत करें तभी उनके हितों की रक्षा हो सकती है।